-डिस्ट्रिक्ट में चिन्हित 12,500 कुपोषित बच्चों की आशाएं जुटाएंगी जानकारी

-पोषण पुनर्वास केंद्र में कराएंगी एडमिट, सीएमओ ने जारी किया दिशा निर्देश

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डिस्ट्रिक्ट में चिन्हित साढे़ बारह हजार कुपोषित बच्चों की अब खोज खबर ली जाएगी। आशाएं व आंगनबाड़ी कार्यकत्री अब डोर-टू-डोरजाकर कुपोषित बच्चों की तलाश कर उन्हें नजदीकी सीएचसी-पीएचसी या फिर दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट कराएंगी। अवेयरनेस के अभाव में लगभग खाली चल रहे डीडीयू हॉस्पिटल के पोषण केंद्र में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए सीएमओ ने यह निर्देश जारी किया है। सभी आशाओं को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने एरिया में कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें एडमिट करायें।

मिलता है सौ रुपये का पुरस्कार

अशाओं व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शानदार पहल शुरू की है। पोषण पुनर्वास केंद्र में प्रति कुपोषित बच्चा एडमिट कराने पर अशाओं को सौ रुपये का पुरस्कार भी दिया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण दिया जा सके।

बच्चे के साथ मां को भी आहार

पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चे के साथ रहने वाली माताओं को भी दो टाइम भोजन और एक टाइम ब्रेक फास्ट दिया जाता है। जबकि जितने दिन तक कुपोषित बच्चा पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट रहेगा तब तक माताओं को डेली के हिसाब से 50 रुपये भी दिये जाते हैं। कुपोषित प्रेग्नेंट लेडी को भी पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट किया जाता है।

दस बेड का है पुनर्वास केंद्र

दीनदयाल हॉस्पिटल में दस बेड के पुनर्वास केंद्र में एडमिट होने वाले बच्चों को 7.5 व एफ100 के तहत मिक्स डाइट दिया जाता है। शुरू में तीन दिन बच्चों को 7.5 पर रखा जाता है। इसमें बच्चों को अनाज कम और नमक, चीनी, पानी का घोल अधिक दिया जाता है। जब बच्चों में कुछ सुधार होता है तो फिर एफ100 में उन्हें पानी की मात्रा कम और अनाज व दूध की मात्रा बढ़ाई जाती है। मिक्स डाइट में साबूदाना का हलुआ, खिचड़ी, दलिया व अंडा भी शामिल हैं।

न्यूट्रिशियन करती हैं देखरेख

पोषण पुनर्वास केंद्र में एक न्यूट्रिशियन भी रखी गई हैं। न्यूट्रिशियन विदिशा शर्मा कुपोषित बच्चों की डाइट चार्ट तैयार करती हैं। जबकि पीडियाट्रिक्स डॉक्टर्स की टीम भी दिन में दो से तीन बार राउंड कर बच्चों की रिपोर्ट लेती है। बच्चों को ताजा व साफ-सफाई से भोजन मिल सके इसके लिए एक कुक भी रखा गया है।

आशाओं को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने एरिया में घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों की जानकारी जुटाएं। उन्हें सीएचसी-पीएचसी या फिर डीडीयू के पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट करायें।

डॉ। बीवी सिंह, सीएमओ