-डीडीयू हॉस्पिटल के पोषण पुनर्वास केंद्र में सिर्फ चार बच्चों का हो रहा उपचार

-डिस्ट्रिक्ट में चिन्हित है कुपोषित साढ़े बारह हजार बच्चे

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कुपोषित बच्चों को लेकर यूपी गवर्नमेंट कई योजनाएं चला रही है। माह में दो से तीन बार डीएम व सीडीओ जिले में कुपोषित बच्चों की स्थिति जानने के लिए समीक्षा मीटिंग भी लेते हैं। सीएमओ सहित अन्य अधिकारियों को निर्देशित करते हैं कि कुपोषित बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में किसी भी तरह की कोई लापरवाही न बरती जाए। लेकिन फिर भी गाड़ी पटरी पर नहीं दौड़ पा रही है। कुपोषित बच्चों के लिए पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दस बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र बनाया गया है लेकिन यहां एडमिट होने वाले बच्चों की संख्या चार से आगे नहीं बढ़ पा रही है। जबकि डिस्ट्रिक्ट में अब तक साढ़े बारह हजार कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये हैं। फिर भी स्वास्थ्य महकमे की यह सिचुएशन है कि पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों का टोटा है।

प्रचार प्रसार की बेहद कमी

कुपोषित बच्चों के पोषण पुनर्वास केंद्र में नहीं पहुंच पाने के पीछे प्रचार प्रसार की बेहद कमी है। रूरल एरिया के सीएचसी-पीएचसी पर कुपोषित बच्चों के पोषण के लिए कुछ भी दिशा निर्देश नहीं दिये जा रहे हैं। वहीं आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री भी अपने कार्यो को बखूबी नहीं निभा पा रही है। डोर-टू-डोर जाकर कुपोषित बच्चों की रिपोर्ट भी नहीं ले रही हैं। जबकि आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कुपोषित बच्चों को पोषण केंद्र में एडमिट कराने के एवज में एक बार में सौ रुपये प्रति बच्चा दिया जा रहा है। बावजूद कुपोषित बच्चे यहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

बच्चे के साथ मां को भी आहार

कुपोषित बच्चे के साथ रहने वाली माताओं को भी दो टाइम भोजन और एक टाइम ब्रेक फास्ट दिया जाता है। जबकि जितने दिन तक कुपोषित बच्चा पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट रहेगा तब तक माताओं को डेली के हिसाब से 50 रुपये भी दिये जाएंगे। पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित प्रेग्नेंट लेडी भी एडमिट हो सकती हैं।

दिया जाता है पोषण

पुनर्वास केंद्र में एडमिट होने वाले बच्चों को 7.5 व एफ100 के तहत मिक्स डाइट दिया जाता है। शुरू में तीन दिन बच्चों को 7.5 पर रखा जाता है। इसमें बच्चों को अनाज कम और नमक, चीनी, पानी का घोल अधिक दिया जाता है। जब बच्चों में कुछ सुधार होता है तो फिर एफ100 में उन्हें पानी की मात्रा कम और अनाज व दूध की मात्रा बढ़ाई जाती है। मिक्स डाइट में साबूदाना का हलुआ, खिचड़ी, दलिया व अंडा भी शामिल हैं।

ये चार बच्चे हैं एडमिट

-लोहता के रूकसार (दो वर्ष)

-चिरईगांव ब्लाक के इमरान अहमद (13 माह)

-चिरईगांव ब्लाक के अभय कुमार (8 माह)

-भदऊ चुंगी के सूरज (4 वर्ष)

ब्लॉकवार चिन्हित कुपोषित बच्चे

अराजीलाइन 2278

सेवापुरी 1325

चिरईगांव 1144

पिंडरा 773

काशी विद्यापीठ 1161

हरहुआ 722

बड़ागांव 649

चोलापुर 829

सिटी एरिया 3685

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कुपोषित बच्चों के लिए सीएमओ को निर्देशित किया गया है कि पोषण पुनर्वास केंद्र में अधिक से अधिक कुपोषित बच्चों को एडमिट कराये।

राजमणि यादव, डीएम

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डिस्ट्रिक्ट भर में कुपोषित बच्चों की रिपोर्ट ली जा रही है। सीएचसी-पीएचसी के प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने एरिया के कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र रेफर करे।

डॉ। बीबी सिंह, सीएमओ