VARANASI: अभी एक महीने पहले ही 'रुक जाना नहीं' सीरियल शुरू हुआ है। इसमें दिखाया गया है कि एक फैमिली बाराबंकी से बनारस आ जाती है। यहां आने के बाद उन्हें हर जगह करप्शन का सामना करना पड़ता है। सांची जो सीरियल की मेन कैरेक्टर है, उसे बनारस की यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल जाता है। जब वो यहां पहुंचती है तो देखती है कि यहां लड़कियों के साथ रैगिंग हो रही है। स्टूडेंट लीडर शराब पीते हैं और ये लीडर हर वक्त बस गुंडागर्दी ही करते रहते हैं। जब सांची की  स्कॉलरशिप लेने की बारी आती है तो उसे साफ मना कर दिया जाता है। लेकिन जब स्टूडेंट लीडर अपनी पावर का इस्तेमाल करता है तो तुरन्त स्कॉलरशिप मिल जाती है। दूसरी ओर सांची बनारस के पेंशन ऑफिस में जब अपने पापा की पेंशन लेने जाती है तो उससे पैसे देने के लिए कहा जाता है। सांची सीरियल में करप्शन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करती है और अपने गट्स पर सारे काम कराती है।

हूबहू बीएचयू जैसी बिल्डिंग

हालांकि इस सीरियल में बीएचयू का नाम नहीं लिया गया है। लेकिन बनारस के नाम पर यूनिवर्सिटी का जो कैम्पस दिखाया जा रहा है वो बिल्कुल बीएचयू के जैसा ही दिखता है। बिल्डिंग हूबहू बीएचयू के बिल्डिंग के कलर की हैं। साथ ही बीएचयू का लोगो भी इस्तेमाल किया गया है। इसमें दिखाए जा रहे हॉस्टल भी बीएचयू के हॉस्टल की तरह हैं। जिसने भी बीएचयू को देखा हो वो देखकर साफ समझ सकता है। सीरियल में यूनिवर्सिटी के नाम पर पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का नाम यूज किया गया है।

"हमने सीरियल की शूटिंग के लिए कोई परमिशन नहीं ली गयी। लेकिन सीरियल में इस तरह से बीएचयू को दिखाया जा रहा है तो गलत है। हम बीएचयू की ओर से मानहानि का दावा करेंगे और सीरियल के प्रॉडक्शन टीम से लिखित जवाब मांगेगे." 

राजेश सिंह, चेयरमैन पीपीपी सेल, बीएचयू