-रंग-बिरंगे झालरों से रोशन हुआ शहर का हर कोना
-तिथियों का संयोग खास बना रहा दीपावली
दीपों का उत्सव दीपावली मनाने के लिए पूरा शहर तैयार है। इस बार तिथियों का संयोग भी दीपावली को खास बना रहा है। इस दिन 37 साल बाद सूर्यदेव का दिन, चित्रा नक्षत्र और अमावस्या का महासंयोग बना है। ज्योतिषियों की मानें, तो यह महासंयोग महालक्ष्मी की कृपा बरसाएगा। शहर में दीपोत्सव की तैयारियां विजयादशमी पर्व के साथ ही शुरू हो गई थीं। घर, दुकान और संस्थानों में साफ-सफाई और साज-सज्जा पूरी कर ली की गई। शनिवार को नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है, का पर्व मनाया गया।
तिथियों की अनूठी स्थिति
पांच दिवसीय दीपोत्सव (दीपावली) पर इस बार तिथियों की अनूठी स्थिति देखने को मिल रही है। तिथियों की अनूठी स्थिति होने के कारण इस साथ कई विशेष संयोग भी बनेंगे, जो कि इस पर्व के शुभता को और अधिक बढ़ाएंगे। इस बार 27 अक्टूबर को सुबह उदयकाल में चतुर्दशी होने से रूप चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान होगा। जबकि शाम को प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या होने से महालक्ष्मी माता का पूजन भी इसी दिन होगा। इसके साथ ही 28 अक्टूबर को सुबह अमावस्या तिथि होने से सोमवती अमावस्या का संयोग भी बनेगा।
पांच मुहूर्त श्रेष्ठ
ज्योतिषियों ने भी शुभ मुहूर्त बताए हैं। पं। राजेन्द्र मिश्रा ने बताया कि दीपावली पर महासंयोग भी बन रहा है, जो कृपा बरसाएगा। पूजन के लिए पांच मुहूर्त श्रेष्ठ हैं। इनमें सुबह 9.16 से 12.04 बजे तक लाभ अमृत की बेला, दोपहर 1.29 से 2.53 बजे तक शुभ की बेला, 2.09 से 3.41 बजे तक स्थिर लग्न कुंभ, शाम 5.41 से 8.53 बजे तक शुभ अमृत की बेला, शाम 6.49 से 8.46 बजे तक वृषभ लग्न और रात 1.32 से 3.45 बजे तक सिंह लग्न में महालक्ष्मी की पूजन और आह्वान करना श्रेष्ठ होगा।
बाजारों में बढ़ी रौनक
दीपावली पर्व को लेकर बाजार में भी खूब रौनक देखने को मिल रही है। घर और दुकानों को रंग-बिरंगे झालरों से सजा दिया गया है। इसे और भव्य बनाने के लिए आकर्षक फूल-मालाओं से सजाया गया। शनिवार को भी बाजारों में अच्छी भीड़ रही, जहां लोग खरीदारी करने पहुंचे। इधर, पूजन सामग्री के बाजार भी रौनक बढ़ा रहे हैं। इसी तरह ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रोनिक्स, सराफा और कपड़ा बाजार भी गुलजार हैं।
महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त
- सुबह 9.16 से 12.04 बजे तक लाभ अमृत की बेला
- दोपहर 1.29 से 2.53 बजे तक शुभ की बेला
- दोपहर 2.09 से 3.41 बजे तक स्थिर लग्न कुंभ
- शाम 5.41 से 8.53 बजे तक शुभ अमृत की बेला
- शाम 6.49 से 8.46 बजे तक वृषभ लग्न
- रात 1.32 से 3.45 बजे तक सिंह लग्न