-रोशनी के पर्व दिवाली पर रविवार को पूरे उत्सवी मूड में दिखा बनारस

- रंग-बिरंगे झालरों से जगमग हुआ शहर, जलाये गये दीप

- खरीदारी के बाद सजावट को फाइनल टच देने के साथ शुरु हुआ पूजा-अर्चना

झिलमिलाते झालर जगमगाती रोशनीऔर चहुंओर हर्ष और उल्लास। रोशनी का पर्व दिवाली रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दीये और आतिशबाजी से आसमान भी रोशनी से नहा उठा। सूर्योदय के साथ घर-घर में महालक्ष्मी के आगमन की तैयारियां शुरू हुई। हर द्वार पर सजे वंदनवार शुभागमन कर रहे थे। रंग-बिरंगी झालरें त्योहार की खुशियों में चार चांद लगा रही थी। शुभ मुहूर्त में वैभव सुख-समृद्धि की कामना के साथ महालक्ष्मी की पूजा की गई। सूर्य अस्त होते ही आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ। बच्चों व युवाओं ने अपने दोस्तों के साथ खूब आतिशबाजी की। दीपावली को लेकर लोगों में उत्साह चरम पर रहा।

श्री राम की हुई अगवानी

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के वनवास खत्म कर अयोध्या वापसी पर अगवानी के पर्व दीपावली पर सुबह से ही बनारसी मन उत्सवी मूड में रहा। जहां इंद्रधनुषी रंगों से मन की कल्पनाओं की चटक रंगोली सजाई। वहीं साज-सच्जा को फाइनल टच देने के साथ ही जमकर आतिशबाजी हुई। दीप ज्योति पर्व की पांच दिवसीय श्रृंखला के दूसरे दिन कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर रविवार सुबह से ही पूरे शहर पर त्योहारी खुमार छाया रहा।

हर दुकान पर ग्राहकों की कतार

शहर के बाजारों में सुबह से ही मिठाई की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, पूजा सामग्री , लाई-चूरा, फूल माला समेत अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी की। बाजारों में मेले जैसा माहौल रहा। सुबह से ही लोगों में दिवाली के प्रति उत्साह था। शाम होते ही प्रतिष्ठान, संस्थान और घर बिजली की रोशनी में नहा उठे।

उपहारों की खरीदारी

दिवाली पर एक दूसरे को उपहार देने की परंपरा के चलते बाजार में गिफ्ट पैक की खूब बिक्री हुई। ड्राईफ्रूट और चाकलेट के गिफ्ट पैक के अलावा एक दूसरे को देने के लिए लोगों ने मिठाइयों के गिफ्ट पैक खरीदे। ड्राई फ्रूट, चाकलेट और सूखी मिठाईयों आदि के गिफ्ट पैक की ज्यादा मांग रही।

बच्चों के लिए खरीदे गए खिलौने

हर साल की तरह इस दिवाली भी लोग अपने बच्चों के लिए मिट्टी के खिलौने खरीदे। दुकानदारों का कहना था कि अब पहले की तरह इन खिलौने की सेल नहीं है। हालांकि अब भी कुछ लोग इसको परंपरा निभाने के लिए खरीदते हैं। दीपावली में चीनी के खिलौनों की मिठास काफी अरसे से बरकरार है। इसकी परंपरा अब भी कायम है।

दिनभर चला बधाई देने का दौर

दिवाली के दिन उपहार भेंटकर बधाई देने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया। लोग मिठाई एवं उपहार का पैकेट भेंटकर बधाई देने में व्यस्त रहे। मुहूर्त के अनुसार भगवान गणेश तथा मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की गई। साथ ही लोगों ने सोशल मीडिया पर भी एक दूसरे को विश किया।

तीन गुने रेट पर बिका गजरा

दिवाली ही एक ऐसा त्योहार है जब माला-फूल के बाजार गुलजार हो उठते हैं। इंगलिशियालाइन स्थित फूल मंडी में फूल-मालाओं के दाम ने आसमान छू लिया। बाजार में एक गजरा 50 से 70 रूपए में बेचा गया। यही छोटा माला भी 20 रूपए से कम में नहीं मिला। दिवाली के दिन यहां दो करोड़ से ज्यादा का माला फूल बिका। वहीं पटाखों की बिक्री भी जमकर हुई। एक दिन में करीब 200 करोड़ से ज्यादे का पटाखा कारोबार हुआ।

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खिलौनों के दाम

मिट्टी का हाथी 30 रुपये से 70 रुपये

मिट्टी का घोड़ा 20 रुपये 50 रुपये

मिट्टी का गिलास 10 रुपये

मिट्टी का चुक्का 15 रुपये

ये है कीमत

चीनी खिलौने 120 रुपये किलो

लावा 120 रुपये किलो

बताशा 80 रुपये किलो

बाजार में एक से बढ़कर एक दीपावली घर