-डीएम ने निर्माण कार्यो की समीक्षा बैठक करते हुए इंजीनियर्स को दी चेतावनी

-डीडीओ कार्यालय में बनाई सेल, देनी होगी हर निर्माण की रिपोर्ट

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केंद्र और प्रदेश सरकार की 25 लाख से अधिक लागत वाली योजनाओं के तहत बनने वाले सड़क, पुल, स्वास्थ्य भवन के निर्माण में लेटलतीफी और क्वालिटी खराब की शिकायत मिल रही है। जबकि हमारे पास पीडब्ल्यूडी, सेतु निगम, वीडीए, नगर निगम, जलकल समेत विभिन्न संस्थाओं में करीब दो सौ से अधिक इंजीनियर की लंबी फौज है। यह बातें शुक्रवार को डीएम विजय किरन आनंद ने कहीं। निर्माण कार्यो की पहली समीक्षा बैठक करते हुए डीएम ने कहा कि गड़बड़ी का कारण इन इंजीनियर की लापरवाही और कमीशनखोरी है। चेतावनी दिया कि कमीशनखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इंजीनियर खुद मुआयना कर मानीटरिंग करें।

निर्माण में देरी, ठेकेदार को नोटिस

विकास भवन सभागार में समीक्षा बैठक करते हुए डीएम विजय किरन आनंद ने अभियंताओं की जवाबदेही भी तय कर दी। आराजीलाइन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण असंतोषजनक मिलने पर ठेकेदार को नोटिस भेजने का आदेश दिया। निर्माण संबंधी मैटेरियल में मानक के अनुरूप लगाएं। क्वालिटी से समझौता नहीं होगा। तय समय में निर्माण पूरा कराएं। अगर कोई प्रॉब्लम है तो मुझे बताएं, वरना लापरवाही समझी जाएगी।

एफआईआर के साथ होगी वसूली

डीएम ने बाबतपुर-भदोही फोरलेन रिंग रोड, सामने घाट-रामनगर पुल, आसरा, राजीव गांधी आवास, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र भवनों समेत निर्माण की विभिन्न परियोजनाओं की मॉनीटरिंग के लिए डीडीओ कार्यालय में एक सेल गठित कर दिया। हर हफ्ते परियोजना की मॉनीटरिंग करने का आदेश दिया। डीएम ने इस सेल के जिम्मे पांच-पांच परियोजनाओं के सत्यापन का जिम्मा सौंपा। फोटोग्राफ समेत पूरी रिपोर्ट सेल को देनी होगी। बीच-बीच में वे खुद भी निरीक्षण करेंगे। डीएम ने ठेकेदारों से कहा कि हमें कोई कमीशन नहीं चाहिए। काम की क्वालिटी दिखनी चाहिए। घटिया काम किया तो ब्लैक लिस्टेड करने के साथ एफआईआर दर्ज कराकर वसूली कराई जाएगी।