-पैडल रिक्शा के बदले पीएम ने दिया एक हजार को ई-रिक्शा

-कानून को ठेंगा दिखा भर रहे ई-रिक्शा फर्राटा, अधिकतर चालकों का नहीं बना है लाइसेंस

-आरटीओ की परमीशन नहीं और निभा रहे प्रेग्नेंट लेडीज, दिव्यांग को मंजिल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी

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बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना गैरकानूनी है। मगर बनारस में सोमवार को धड़ल्ले से बिना लाइसेंस वाले चालक मोदी का ई-रिक्शा दौड़ाते रहे। उन्हें टोकने की न तो ट्रैफिक पुलिस ने जहमत उठाई और न ही आरटीओ ने कोई कार्रवाई की। यही नहीं स्थिति तो तब और भयावह नजर आई जब कैंट स्टेशन पर फर्राटा भर रहे बिना लाइसेंस वाले चालक प्रेग्नेंट लेडीज और दिव्यांग जैसे पैसेंजर्स को उनकी मंजिल तक पहुंचाते नजर आए। जबकि इन चालकों को अब तक आरटीओ ने ई-रिक्शा चलाने की परमीशन तक नहीं दी है।

सड़क से गली तक दौड़ते रहे ई-रिक्शा

मजदूर दिवस पर डीएलडब्ल्यू ग्राउंड पर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक हजार पैडल रिक्शा चालकों को सौगात देते हुए ई-रिक्शा का वितरण किया था। यह ई-रिक्शा बीएमसी (भारतीय माइक्रो क्रेडिट) कंपनी ने आसान किस्तों पर मुहैया कराया है। ई-रिक्शा मिलते ही चालक कमाई के लिए सड़कों पर निकल पड़े। सवारियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने और अपनी अच्छी कमाई के लिए सुबह से शाम तक सड़क से लेकर गलियों तक मोदी का ई-रिक्शा फर्राटा भरता रहा। मगर इन ई-रिक्शा पर बैठी सवारियों के साथ रास्ते में खड़ी ट्रैफिक पुलिस ने भी यह जानने की कोशिश नहीं कि इन्हें यह चलाने की परमीशन है भी या नहीं। क्योंकि अधिकतर ई-रिक्शा चालकों के पास लाइसेंस नहीं है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सैकड़ों ई-रिक्शा चालक कानून तोड़ने के साथ हजारों जिंदगी से खिलवाड़ करते रहे।

बिना लाइसेंस चलाना गैरकानूनी

आरटीओ के अधिकारी के मुताबिक बिना लाइसेंस ई-रिक्शा चलाना गैरकानूनी है। जिन लोगों के पास लाइसेंस नहीं है, उन्हें ई-रिक्शा चलाने का अधिकार नहीं है। या फिर जिन लोगों की अप्लीकेशन प्रॉसेस में है, उन्हें लाइसेंस मिलने तक ई-रिक्शा नहीं चलाना चाहिए।

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वर्जन-

बिना लर्निग लाइसेंस ई-रिक्शा का परमिट नहीं बनता है। जब तक लाइसेंस नहीं मिलता, तब तक ई-रिक्शा चलाना गैरकानूनी है। जिन चालकों की अप्लीकेशन आई हैं, वे प्रॉसेस में हैं।

आरपी द्विवेदी, आरटीओ

मेरे पास लाइसेंस नहीं है। हमको डीएलडब्ल्यू ग्राउंड पर ई-रिक्शा मिला था। हमें सर्कुलेटिंग एरिया में इसे चलाना है और प्रेग्नेंट लेडीज, दिव्यांग को प्लेटफॉर्म तक पहुंचाना है। हमको रिक्शा मोदी जी ने दिया था।

बबलू, ई-रिक्शा चालक

मोदी जी ने ई-रिक्शा दिया है। अभी लाइसेंस नहीं है। कंपनी ने कहा था कि जल्द लाइसेंस भी मिल जाएगा। परिवार के भरण-पोषण के लिए कमाई जरूरी है। इसलिए लाइसेंस मिलता रहेगा और हमने ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया है।

किशन, ई-रिक्शा चालक

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बाक्स-

संडे को 15 मिनट में बन गया लाइसेंस

रविवार को डीएलडब्ल्यू में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ई-रिक्शा वितरण करने आए थे। पीएम ने छह चालकों को ई-रिक्शा दिया और झंडी दिखाकर उन्हें रवाना किया। सूत्रों की माने तो पीएम के सामने से जिन छह ई-रिक्शा चालकों को गुजरना था, उसमें एक का लाइसेंस नहीं बना था। इस बात की जानकारी होते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिला प्रशासन के निर्देश पर रविवार को ऑफिस खोला गया और महज 15 मिनट में आरटीओ ने लाइसेंस तैयार कर पीएम के आने से पहले चालक को सौंप दिया।