- चार हजार कार्डधारकों के राशन कार्ड किए गए निरस्त

- विभाग की जांच में पकड़े गए, गलत तरीके से उठा रहे थे राशन

5.97 लाख राशन कार्ड धारक हैं वाराणसी में

49 हजार राशन कार्ड बने थे कोरोना काल में

04 हजार लोग गलत तरीके से उठा रहे थे राशन

49498 परिवारों का बना है अंत्योदय कार्ड

फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनवाकर सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन लेने वालों के खिलाफ विभाग की कार्रवाई जारी है। विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत फर्जी तरीके से लाभ ले रहे करीब चार हजार कार्डधारकों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए हैं। ये राशन कार्ड विभाग द्वारा कराए गए आधार फीडिंग और सत्यापन में पकड़ में आए। बता दें कि जिला आपूर्ति विभाग ने ऐसे लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है।

दूसरे जिलों से उठा रहे थे राशन

जनपद में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत करीब 5 लाख 97 हजार राशन कार्ड हैं, जिनमें 49 हजार 498 अंत्योदय राशन कार्ड धारक भी शामिल हैं। जिला पूर्ति विभाग द्वारा राशन कार्ड से आधार जोड़ने और सत्यापन में कार्ड फर्जी पाए गए। यानी इनमें से ज्यादातर राशन कार्ड ऐसे थे जो दूसरे जिलों या शहरों से आकर वाराणसी में रह रहे हैं, और उनके वहां राशन कार्ड हैं। इन लोगों ने यहां पर भी राशन कार्ड बनवा लिये थे। वहीं इस तरह के कुछ कार्ड धारक ऐसे भी थे, जो वाराणसी से दूसरे जिलों में जाकर राशन कार्ड बनवा लिये और वह राशन भी ले रहे थे। इसके अलावा बहुत सारे कार्ड धारक ऐसे पाए गए, जो आय समेत योजना के मानक पूरे नहीं कर रहे थे। इन सभी कार्ड धारकों के राशन निरस्त कर दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि हर साल आय में वृद्धि होने से भी बहुत सारे लोग इस योजना से बाहर हो जाते हैं।

कोरोना काल में 49 हजार कार्ड बने

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए कार्डो की संख्या कोरोना काल यानी मार्च से पहले करीब 5 लाख 49 हजार थी, जो जनवरी के अंत और फरवरी की शुरुआत तक करीब 5 लाख 98 पहुंच गई। यानी मार्च से लेकर अब तक 49 हजार नए राशन कार्ड बनाए गए। इस दौरान गलत तरीके से राशन बनवाने की शिकायत भी विभाग में आ ही थी। सत्यापन के दौरान जो फर्जी कार्ड पकड़ में आए हैं उनमें सबसे ज्यादा कोरोना काल में बने हुए कार्ड हैं।

गत वर्ष 9 हजार किए गए निरस्त

बीते वर्ष सत्यापन के दौरान अंत्योदय और पात्र गृहस्थी 9 हजार राशन कार्ड निरस्त किए गए थे। इनमें से ज्यादातर राशन कार्ड ऐसे थे, जो फर्जी दस्तावेज लगाकर बनाए गए थे। इसका लाभ अपात्र लोग या राशन डीलर ले रहे थे। जब तक ई-पॉस सिस्टम भी पूरी तरह लागू नहीं था। रजिस्टर में ही कार्डधारकों का ब्योरा रखा जाता था। किसने राशन लिया, किसने नहीं इसकी एंट्री रजिस्टर में ही की जाती थी। मिलीभगत करके राशन डीलर इन सभी कार्ड धारकों का राशन वितरण दिखा देते थे।

राशन कार्डो की जांच कराकर गलत तरीके से बने सभी कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिन पात्र कार्ड धारकों के किसी कारण राशन कार्ड निरस्त हो गए हैं, उन्हें बनाने के लिए क्षेत्रवार से शिविर लगाए जाएंगे।

-दीपक वाष्र्णेय, जिला पूर्ति अधिकारी