-रामनगर के रहने वाले एक पिता ने अपनी तीन साल की मासूम को फेंका राजघाट पुल से, नीचे मल्लाहों ने बचा ली बच्ची की जान

-काफी देर बाद बच्ची की हुई पहचान, पुलिस ने आरोपी पिता को किया गिरफ्तार, आर्थिक तंगी बनी घटना की वजह

VARANASI

अब इसे एक बाप का पागलपन कहें या फिर हैवानियत जो उसने अपनी ही तीन साल की मासूम को अपने ही हाथों से मौत के मुंह में फेंक दिया। ये तो शुक्र था कि बाप के इस खतरनाक कदम के बाद भी मौत मासूम का कुछ नहीं बिगाड़ सकी। घटना रामनगर थाना क्षेत्र में हुई। यहां आर्थिक तंगी व घरेलू कलह से परेशान होकर इस पिता ने अपनी तीन साल की मासूम बेटी को राजघाट पुल से गंगा में फेंक दिया। दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद बच्ची को तो मल्लाहों ने बचा लिया लेकिन उसकी पहचान के लिए पुलिस पूरे दिन इधर से उधर भटकती रही। सोमवार शाम रामनगर पुलिस ने जब आरोपी पिता को उसके घर से पकड़ा तब जाकर पूरे मामले का पता चला।

पूरे दिन नहीं हुआ कुछ भी

सोमवार की दोपहर बाद रामनगर थाना क्षेत्र में मालवीय पुल से एक मासूम बच्ची को कोई गंगा में फेंककर चला गया। बच्ची के गंगा में गिरते ही नीचे मौजूद मल्लाह गजानंद और गोलू ने उसे बचा लिया और तत्काल पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को बेहोशी की हालत में मंडलीय अस्पताल पहुंचाया। जहां होश आने के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की। लाल फ्राक और ताबीज पहनी बच्ची से पुलिस ने जब पूछा कि कौन हो तुम और किसने तुम्हें फेंका तो वो सिर्फ मां, नाना और मामा का नाम लेकर फिर से बेहोश हो जाती। पूरे दिन पुलिस इसी में परेशान रही और बच्ची की पहचान नहीं हो सकी।

शाम को चढ़ा हत्थे

इस बीच शाम को रामनगर पुलिस को क्लू मिला कि सूजाबाद में एक पिता ने बेटी को गायब कर दिया है। सूचना पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया तो सारा माजरा सामने आ गया। पकड़े गए पिता धर्मेन्द्र दास ने बताया कि उसने ही अपने तीन साल की बच्ची ज्योति को पुल से फेंका था। पप्पू यादव के यहां सूजाबाद में किराये पर रहने वाला धर्मेन्द्र दिहाड़ी पर काम करता है। दो बच्चियों और पत्नी का खर्च उससे नहीं उठ पा रहा था। इसे लेकर सोमवार की सुबह पत्नी सरिता से उसका झगड़ा हुआ था जिसके बाद उसने ये कदम उठा लिया। हालांकि जब उसे पता लगा कि बेटी जिंदा है तो वो उससे मिलने के लिए परेशान रहा।