-भूख मिटाने के साथ स्ट्रीट फूड बांट रहे हैं बीमारी
-जानकर भी अनजान बना है फूड एंड अडल्टरेशन डिपार्टमेंट
-60 परसेंट लोगों को खाते ही हो जाती है पेट की प्रॉब्लम
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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ (09 स्द्गश्चह्ल):
पेट में चूहा कूदते ही सामने लगी चटकारेदार स्ट्रीट फूड की दुकान नजर आती है। जहां कम पैसे में पूरे स्वाद के साथ पेट की भूख मिट जाती है। मगर खाने से पहले होशियार। क्योंकि ये फूड आपकी भूख मिटाने के साथ सेहत भी बिगाड़ रहा है। शहर के विभिन्न चौराहों और गली-मोहल्लों में सजने वाली ये दुकानें आपको स्वाद के साथ-साथ अनेक तरह की बीमारियां गिफ्ट में दे रहे हैं क्योंकि ये दुकानें अनहाइजेनिक फूड परोस रही हैं, जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक है।
न सफाई और न क्वॉलिटी
शहर में करीब दस हजार से अधिक दुकानें विभिन्न चौराहों और गली-मोहल्लों में डेली सजती हैं। जहां चाट-पकौड़ी से लेकर खाने का हर वह आइटम मिलता है, जो किसी बड़े होटल की शोभा बढ़ाता हो। कम रेट में भरपेट खाना देख इन दुकानों पर अक्सर लोगों की भीड़ लगी रहती है। प्रशासन की रोक के बावजूद ये दुकानें धड़ल्ले से सज रही हैं, मगर संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता है। इन दुकानों पर न तो पर्याप्त सफाई रहती है और न ही खाने के सामान में क्वॉलिटी का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में ये फूड भूख मिटाने के साथ बीमारी को भी इन्विटेशन देते हैं।
अभियान के नाम पर खानापूर्ति
अनहाइजेनिक फूड परोस रहे इन दुकानों के खिलाफ अभियान सिर्फ खानापूर्ति के लिए चलाया जाता है। थोड़ा सा जुर्माना और कुछ घंटे के लिए उन्हें हटा कर विभाग अपनी कार्रवाई पूरी कर लेता है। जबकि विभाग की जिम्मेदारी है कि वह मिलावटी नहीं बल्कि अनहाइजेनिक फूड के खिलाफ भी सख्त अभियान चलाए। हालांकि इन दुकानों के खिलाफ अभियान कब चला था, ये विभाग के लोगों को ही याद नहीं है।
खाते ही हो जाती है प्रॉब्लम
स्ट्रीट फूड स्वाद में जरूर बेहतर लगता है, मगर पेट के लिए काफी हार्मफुल होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक पेट से परेशान अधिकतर मरीजों के पीछे सिर्फ एक रीजन होता है स्ट्रीट फूड। फूड पॉइजनिंग, टायफाइड का मेन रीजन भी ये अनहाइजेनिक फूड ही होता है।
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हो सकती हैं ये बीमारियां
-जॉन्डिस
-गैस्ट्रोइंटोराइटिस
-फूड पॉइजनिंग
-कॉलरा
-टायफाइड
-स्किन इरोशन
-बुखार
-मुंह में छाला
-खून की कमी
-यूरीन इंफेक्शन
-पेट संबंधी अन्य रोग
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वर्जन-
खुले में बिकने वाले अधिकतर फूड अनहाइजेनिक होते हैं। इसके खिलाफ अक्सर अभियान चलाया जाता है। समय-समय पर सैंपल लेकर जांच के लिए भी भेजा जाता है। कमी मिलने पर जुर्माना के साथ जरूरी कार्रवाई की जाती है।
हरिशंकर सिंह, डीओ फूड विभाग
रोड के किनारे बिकने वाले अधिकतर फूड अनहाइजेनिक होते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हैं। उन्हें खाने से अक्सर लोग पेट संबंधी बीमारी से परेशान हो जाते हैं। साथ ही कई बार गंभीर बीमारी का भी शिकार हो जाते हैं। इसे खाने से फूड पॉइजनिंग जैसी क्रिटिकल कंडीशन में जान का खतरा भी हो सकता है।
डॉ। संजय राय, फिजीशियन