हर परिवार हुआ अपना
वक्त ने विनय को अपने परिवार से दूर कर दिया। अब कई परिवार उसे अपनी सरपरस्ती देने के लिए उतावले हैं। दीपक राजदेव गुरुवार को आई नेक्स्ट के आफिस पहुंचे। यहां विनय को हर संभव मदद देने की पेशकश की। साथ ही उसे गोदौलिया स्थित अपनी दुकान से नए कपड़े भी दिलाये। वहीं नगवां की दो गर्ल स्टूडेंट्स विनय को ढूंढते हुए घर पहुंची। उसे कुछ रुपये दिये और जूते भी दिलाये। श्रीकृष्ण धर्मशाला के ओनर अशोक खन्ना ने आई नेक्स्ट ऑफिस में फोन करके विनय को रहने की ठौर दिलाने के साथ इकनॉमिकल हेल्प की भी पेशकश की है। इसके पीछे उनके 13 साल के बेटे हितेष की भी प्रेरणा है। आई नेक्स्ट ने 28 जून की अंक में आसमान पाने की चाहत हेडिंग से विनय के बारे विस्तृत खबर छापी थी.