- हांगकांग में रहने वाले बिजनेस मैन अपने ट्रस्ट के माध्यम से नि:शुल्क कराते हैं दिल के छेद का ऑपरेशन

-बनारस के बिजनेसमैन उनके साथ कर रहे हैं काम, बनारस के 22 और देश में छह सौ का करा चुके हैं दिल का ऑपरेशन

VARANASI

चंद रुपये की नौकरी करने वाला अपनी बेटी का इलाज कैसे करा पाता। बेटी पूजा मिश्र के दिल में छेद है और उसकी तकलीफ बढ़ती ही जा रही है। काफी कोशिश के बाद भी इतनी रकम नहीं जुटा पाया कि अपने बेटी का इलाज करा पाये। ऐसे में एक फरिश्ते के बारे में पता चला। जिसकी इनायत है कि आज पूजा बिल्कुल स्वस्थ है।

ये फरिश्ते हैं दादा एच कान लखानी रहते तो है हांगकांग में लेकिन अपने खर्च पर गरीबी और असहाय लोगों दिल के छेद का ऑपरेशन करवाते हैं। उनके ट्रस्ट सेवा परमो धर्म: के साथ सेवा धर्म निभा रहे बनारस के रमेश लालवानी बताते हैं कि उस बेटी के दिल का ऑपरेशन ट्रस्ट की ओर से करवाया गया है।

जो मां से किया था वादा

हांगकांग के बिजनेसमैन ने इंडिया में अपने ट्रस्ट से म्00 लोगों का इलाज कराया है। इनमें से बनारस के ख्ख् लोगों का इलाज कराया गया है। शादी की भ्0वीं एनिवर्सरी पर पत्नी रीटा लखानी के साथ बनारस पहुंचे दादा लखानी बताते है कि उन्होंने अपनी मां से विद्या और जीवनदान का वादा किया था। जिसके तहत वह लोगों का फ्री इलाज करा रहा है। साथ ही वह डेढ़ हजार बच्चियों को नि:शुल्क शिक्षा भी दिला रहे हैं। बनारस में उन्होंने उन बच्चों से भी मुलाकात की, जिनका उनके ट्रस्ट के तहत इलाज कराया गया है।

बनारस के ख्ख् लोगों का करा चुके है इलाज

पूर्वाचल में तमाम ऐसे बच्चे हैं जो दिल में छेद की परेशानी से जूझ रहे हैं। पैसा न होने के कारण दिल का ऑपरेशन नहीं हो पाता है। रमेश लालवानी और दादा लखानी के सहयोग से ऐसे बीमार गरीब बच्चों के दिल का ऑपरेशन करा कर उन्हें नया जीवन दे रहे हैं।

चार सिटीज में होता है ऑपरेशन

रमेश बताते हैं कि जयपुर में नारायण सेवा संस्थान हॉस्पिटल में दादा लखानी के सेवा परमो धर्म: ट्रस्ट के माध्यम से भारत के दिल के मरीजों का नि:शुल्क ऑपरेशन करवाते हैं। इसका सारा खर्च ट्रस्ट उठाती है। भारत के चार सिटीज बंगलुरु, कोलकाता, जयपुर और अहमदाबाद में सेंटर बनाया गया है ताकि मरीज अपने नजदीक के सेंटर पर इलाज के लिए संपर्क कर सकें।

इनके लिए भी कर रहे काम

-भोपाल में तीन करोड़ रुपये की लागत से बनाया है ग‌र्ल्स कॉलेज, जहां क्ब्00 लड़कियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है।

- महाराष्ट्र के उल्हासनगर में जीव दया संस्थान है, जहां म्भ्0 विधवाओं को रखा गया है और उनका सारा खर्च उठाते हैं।

- अन्नदान योजना का बनारस से की है शुरुआत