-सर्दी-जुखाम, फीवर, गला जकड़न के साथ बदन दर्द से ग्रसित लोगों की बढ़ी संख्या

-मंडलीय व डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डेली पहुंच रहे हैं दो से ढाई हजार ऐसे मरीज

VARANASI

मौसम की सर्द और गर्म चाल से लोगों का हाल बेहाल है। सर्दी-जुखाम, फीवर, गला जकड़न के साथ बदन दर्द से ग्रसित मरीजों की संख्या इधर कुछ दिनों से मंडलीय व डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बढ़ गई है। बच्चों से लेकर बड़े तक इन बीमारियों की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। अकेले मंडलीय हॉस्पिटल की बात करें तो सोमवार को क्ख् सौ से अधिक मरीजों ने पर्ची कटाई। वहीं दीनदयाल में एक हजार से अधिक मरीज पहुंचे। हर ओपीडी मरीजों से फुल चल रहा है। सबसे अधिक मरीज सर्दी-जुखाम व फीवर के ओपीडी में पहुंच रहे हैं।

बच्चों में निमोनिया का खतरा

ठंड शुरू होते ही बच्चों में निमोनिया का भी खतरा बढ़ गया है। दीनदयाल हॉस्पिटल के चाइल्ड ओपीडी में निमोनिया से पीडि़त बच्चे ज्यादा संख्या में पहुंच रहे हैं। इनका चेकअप करने के साथ ही उनके पेरेंट्स को डॉक्टर्स उचित सलाह भी दे रहे हैं। बच्चों में फीवर, गला जकड़न सहित सर्दी जुकाम की अधिक कम्पलेन आ रही है।

खाएं सादा खाना, पीए खूब पानी

सर्दी में आमतौर पर निमोनिया कई कारणों से होता है जिनमें प्रमुख हैं बैक्टीरिया, वायरस, फंगी आदि। बैक्टीरिया जनित निमोनिया दो से चार हफ्ते में ठीक हो सकता है। इसके विपरीत वायरल जनित निमोनिया के ठीक होने में अधिक समय लगता है। निमोनिया के पेशेंट को सादा भोजन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए, मरीज को तेल, मसालेदार और बाहर के फूड आइटम्स से परहेज करना चाहिए।

लक्षण

निमोनिया में अक्सर पेशेंट के थूकते समय मुंह से खून भी आ जाता है, इसके अलावा चमड़ी का नीला पड़ना, मचली, उल्टी, थकान, भूख न लगना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द भी होता है। चेस्ट में दर्द, तेज बुखार, जो क्0फ् से क्0ब् डिग्री तक पहुंच जाता है। शरीर ठंडा पड़ जाना, सिरदर्द, सूखी खांसी, खांसने पर कम मात्रा में कफ आना, छोटे या नवजात बच्चों में कोई विशेष लक्षण दिखाई नहीं देता है। बच्चे देखने में बीमार लगें तो उन्हें निमोनिया हो सकता है।

ऐसे करें बचाव

-सबसे पहले डॉक्टर को दिखा कर इलाज शुरू कराएं।

-रोगी को गर्म कमरे में आराम से लिटाएं, खुली हवा व आक्सीजन पूरी मात्रा में मिलनी चाहिये। गर्म पेय जैसे, चाय, गर्म पानी, फलों का रस आदि पिलाते रहें।

-बच्चों को निमोनिया होने पर उन्हें दूध में थोड़ा केसर मिला कर दिन में दो बार पिलाएं।

इधर कुछ दिनों के अंदर बच्चों में वायरल फीवर की कम्पलेन तेजी से बढ़ी है। रोजाना ब्0-भ्0 बच्चे वायरल फीवर सहित सर्दी जुकाम से ग्रसित होकर ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनके पेरेंट्स को बीमारियों से बचने की सलाह दी जा रही है।

डॉ। मनीष तिवारी, चाइल्ड स्पेशलिस्ट

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

ठंड के मौसम में बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। जरूरी है कि बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें। बुखार आने पर तुरंत स्पेशलिस्ट डॉक्टर से ही चेकअप कराएं।

डॉ। शैलेश मालवीय

जनरल फिजिशियन, दुर्गाकुंड