-इंटरनेट पर फर्जी एप से होटल बुकिंग में ठगे जा रहे सैलानी, एडवांस बुकिंग के बाद भी नहीं मिल रहा होटल में रूम

-फर्जी साइट के थू्र होटल बुक कराने वालों की हो रही है फजीहत

केस-वन

मुंबई के मीरा रोड निवासी अभिषेक मिश्रा अपनी फैमिली के साथ बनारस घूमने आए थे, परेडकोठी स्थित एक होटल में आठ रूम एप के माध्यम से आनलाइन बुक कराया, पांच हजार रुपये एडवांस के तौर पर आनलाइन जमा भी कर दिया था। जब होटल पहुंचे तो पता चला कि रूम बुक ही नहीं हुआ है।

केस-टू

लखनऊ के एसके श्रीवास्तव अपने चार दोस्तों के साथ पिछले मंथ बनारस घूमने आए थे। होटल बुकिंग वाले एप्प के माध्यम से चौक एरिया में एक होटल में दो रूम बुक कराए थे। तीन दिन ठहरने का मूड बनाए एसके श्रीवास्तव ने एडवांस में पांच हजार रूपये जमा भी कर दिए। जब होटल पहुंचे तो होटल मैनेजर ने इस तरह किसी भी बुकिंग से इंकार किया। ्र

धड़ाम हो रहा घूमने का प्लान

यह दो केस तो महज एक बानगी भर है, टूरिज्म की नगरी काशी में होटल बुकिंग में बड़ा खेल चल रहा है। सैकड़ों लोग रोजाना इस खेल में फंसकर रकम गंवा रहे हैं। तमाम होटल साइट के एप से टूरिस्ट को छला जा रहा है। किसी से पांच हजार तो किसी से दस हजार रुपये आनलाइन होटल बुकिंग के नाम पर ले लिया जा रहा है। एप पर हुई आनलाइन बुकिंग को लेकर आश्वस्त जब टूरिस्ट होटल पहुंच रहे है तो उन्हें छले जाने का पता चल रहा है। एप का कस्टमर केयर भी पूरी बात समझने को तैयार नहीं और डुप्लीकेट एप का हवाला देते हुए बात खत्म कर दे रहा है।

बाहरी होने के नाते नहीं करते कम्प्लेन

होटल बुकिंग साइट से धोखा खाए अधिकतर बाहरी सैलानी होते है, इस लिहाज से बनारस में कहीं शिकायत दर्ज कराने भी नहीं जाते। यदि कोई शहर का जानने वाला होता है तो फिर उसके माध्यम से थानों तक पहुंचते है। शिकायत दर्ज कराते हैं, लेकिन बहुत प्रभावी पैरवी नहीं होने के चलते केस में कुछ खास कार्रवाही नहीं हो पाती है। अधिकतर फर्जी टाइम के होटल बुकिंग साइट एप्प को लेकर साइबर सेल में शिकायत भी दर्ज है।

हैकरों के निशाने पर होटल

तमाम ऐसे साइट है जो होटल रूम बुकिंग तो करते हैं लेकिन जब कैंसिल करते है तो उसकी जानकारी कस्टमर को नहीं देते है। यही वजह है कि जब कस्टमर होटल पहुंचता है तो मैनेजर से उसकी नोकझोक होती है। इससे होटल की साख कमजोर होती है। कैंटोनमेंट एरिया के अधिकतर होटल्स ने इस खेल को भांपते हुए होटल साइट की छोटी कंपनियों से करार समाप्त कर लिया है। बड़ी कंपनियों में इस तरह खेल सामने नहीं आया है लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि हैकर इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। बड़ी कंपनियों के नाम पर डी एप्प बनाते हुए कस्टमर्स को छल रहे हैं।

देव दीवाली में लाखों की भीड़

बाबा की नगरी काशी में देव दीपावली में यूं तो लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। देश विदेश से लाखों सैलानी पहुंचते है, ऐसे में होटल एप से फर्जीवाड़ा की आशंकाए और भी बढ़ गई है। जिसे बनारस के बारे में जानकारी नहीं और इंटरनेट के थ्रू होटल बुक कराते है तो फिर फंसना तय है। ऐसे एप को बेनकाब करने को लेकर साइबर सेल की एक टीम काम कर रही है।

600 होटल है रजिस्टर्ड

शहर में यूं तो रजिस्टर्ड होटल की संख्या 600 के आसपास है। जिसमें 70 से 80 स्टार रेटिंग वाले होटल शामिल है। हालांकि टूरिज्म सेक्टर से जुड़े लोगों की माने तो होटल की संख्या बनारस में हजार के पार है। हर रोज नए होटल और गेस्ट हाउस खुल रहे हैं।

एक नजर

600

होटल है शहर में छोटे-बड़े

70 से 80

होटल है स्टार रेंटिंग वाले

406

गेस्ट हाउस है शहर में

90

से अधिक होटल साइट की चल रही है एप्प

ऑनलाइन के फायदे हैं तो उसके नुकसान भी देखे जा रहे हैं। आनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें अधिक आ रही है। सोच, समझकर ही होटल की बुकिंग कराएं। यदि कोई शिकायत दर्ज कराई तो फिर कार्यवाही भी की जाएगी।

ज्ञानेंद्रनाथ प्रसाद, एसपी क्राइम