वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही हैपिछले एक साल से होटल, गेस्ट हाउस आल टाइम फुल रहते हैंऐसे में पर्यटकों को आसपास के होटलों में स्टे लेना होता हैइसी को देखते हुए आवास एवं शहरी नियोजन मंत्रालय ने पर्यटन नीति में बड़ा बदलाव किया हैअब शहर के बाहर लोग अपने घर को होम स्टे के रूप में विकसित कर सकेंगेहोटल या गेस्ट का रूप भी दे सकते हैंअब वाराणसी के गांव में न सिर्फ लोगों को रहने के लिए होमस्टे मिलेगा बल्कि गांव में ही वहां की संस्कृति और खानपान से पर्यटक रूबरू हो पाएंगे.

क्या है पर्यटन नीति

यूपी सरकार की नई पर्यटन नीति के अनुसार गांव में होम स्टे विकसित करने या बड़े आवास को लॉज या होटल के रूप में बदलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगायूपी कैबिनेट की बैठक में नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गईइसमें प्रमुख रूप से इस बात को शामिल किया गया हैपर्यटन नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन और रोजगार बढ़ाने के लिए अब गांव में भी होम स्टे विकसित किया जा सकेगा.

दी जाएंगी सुविधाएं

गांव के लोगों को न सिर्फ ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा बल्कि उनको अपने घर को होम स्टे की सुविधा में ढालने के लिए सुविधाएं भी दी जाएंगीपर्यटन नीति में इस बात को शामिल किया गया है कि गांव के घरों को होटल और लॉज के रूप में बदला जा सकेगाइससे प्रदेश में इको टूरिज्म और रूरल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगाइस बात से गांव में रोजगार के अवसर बढऩे की भी उम्मीद है.

कोरोना से टूट गया था पर्यटन उद्योग

वैश्विक महामारी कोविड के कारण पर्यटन उद्योग को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा थाबड़े उद्यमी पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने से हिचक रहे थेहोटल एसोसिएशन पर्यटन उद्योग के निवेशकों के अनुरोध व विभागों से मिले फीडबैक पर पर्यटन नीति-2018 में संशोधन किया गया हैयूपी सरकार ने इसे लागू करने के लिए तैयारी भी कर ली हैपर्यटक अगर गांव में रुकते हैं तो वहां सुविधाओं और अवस्थापना के विकास के लिए भी सरकार काम करेगीवाईफाई की कनेक्टिविटी और बढिय़ा अप्रोच रोड के लिए भी सरकार काम करेगीजिससे पर्यटकों को आकर्षित किया का सकेखास तौर पर कुछ जिलों में गांव और क्षेत्रों का चयन भी इसके लिए हो गया है.

इन परिस्थिति में मिलेगा लाभ

पर्यटन नीति में सभी पात्र नवीन एवं एक्सपैंशन कर रही पर्यटन इकाइयों को भू उपयोग परिवर्तन शुल्क और विकास शुल्क से पूर्ण छूट का प्रावधान हैइसके लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की ओर से जारी शासनादेश में बताया गया कि जहां बिजली, सड़क, पानी, सीवर, डे्रनेज आदि सुविधाएं न हो, उन्हें भू उपयोग परिवर्तन शुल्क और विकास शुल्क में छूट अनुमन्य नहीं होगीअगर उद्यमी की ओर से इन सुविधाओं का खुद प्रबंध किया जाएगा तो भूउपयोग परिवर्तन शुल्क और विकास शुल्क से पूर्ण छूट मिलेगीइसके लिए उद्यमी को शपथ पत्र देना होगा.