छुड़ाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं लाइसेंस होल्डर

चुनाव में जमा हुए शस्त्र नहीं हुए वापस

पंचायत चुनाव के दौरान लोगों के लाइसेंसी शस्त्र थानों में जमा करा लिए गए थे। आचार संहिता समाप्त हुए लगभग एक माह हो गए, लेकिन ग्रामीण इलाकों के अधिकतर थानों में जमा असलहा अब तक वापस नहीं किया गया। असलहा वापस नहीं होने से करीब 6 हजार लाइसेंसधारक परेशान हैं। वे लगातार थानों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कभी बाबू तो थाना प्रभारी नहीं होने का हवाला देकर लौटा दिया जा रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसकी पड़ताल की तो कुछ शहरी थानों में आसानी से असलहा वापस हो रहा है, लेकिन ग्रामीण थानों से अभी असलहा वापस नहीं करने का आदेश है।

थाना भेलूपुर

शहरी थाना भेलूपुर में मौजूदा समय में सिर्फ सिर्फ तीन ही असलहे रखे हैं। अब तक जो भी लाइसेंसधारक आए, उन्होंने कागजात दिखाया तो असलहा वापस कर दिया गया। हमारे पास कोई असलहा रोकने के कोई आदेश नहीं है।

-अमित मिश्रा, एसएचओ

थाना मंडुवाडीह

पंचायत चुनाव के दौरान असलहा जमा कराया गया था, लेकिन शांतिपूर्ण चुनाव और मतगणना सम्मन्न होने के बाद असलहा वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। हमारे थाने में बहुत कम ही असलहा जमा हैं। कागजात दिखाने पर संबंधित लाइसेंस धारक को असलहा वापस कर दिया जाएगा।

-परशुराम त्रिपाठी, एसएचओ

थाना बड़गांव

पंचायत चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू होते ही लाइसेंसधारकों से असलहा जमा कराया। जिनकी संख्या करीब चार सौ है। फिलहाल ऊपर से ही असलहा रिलीज करने का आदेश नहीं है। आदेश आते ही असलहा वापस करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

-महेश सिंह, थाना प्रभारी

बाकी है ब्लाक प्रमुख चुनाव

असलहा बाबू सुधीर श्रीवास्तव के अनुसार अभी ब्लाक प्रमुख का चुनाव होना बाकी है, इसलिए थानों में जमा असलहे को रिलीज नहीं करने का आदेश है। चुनाव सम्पन्न होने के बाद ही ग्रामीण क्षेत्रों के थानों में जमा असलहा वापस कर दिया जाएगा। जनपद के थानों में करीब 6 हजार से अधिक असलहा अभी जमा हैं।

लाइसेंसधारकों को सता रहा असुरक्षा का डर

पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद लोगों के शस्त्र जबरियन आनन-फानन में जमा करा लिए गए थे। बाद में आदर्श चुनाव आचार संहिता लगा। उसके बाद बीते दो मई को मतगणना के उपरांत आचार्य संहिता समाप्त हो गई। बावजूद उसके थानों में जमा लाइसेंसी शस्त्र लाइसेंस धारकों को नहीं दिए गए। संवेदनशील थाने में संदिग्ध हत्या व बलात्कार के आधा दर्जन मामले का अभी राज तक नहीं खुल पाया है। ऐसे में असलहा धारी लोगों को असुरक्षा का डर सता रहा है। संविधान में वíणत जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार बड़ी मेहनत के बाद शस्त्र लाइसेंस देती है।