देश के कई हिस्सों में हो रहा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के नाम पर फर्जी डिग्री का खेल
-आंध्र प्रदेश से आयी बीकॉम की डिग्री वेरीफिकेशन में निकली फर्जी
-साउथ इंडिया से चार महीने में पहुंची तीसरी डिग्री
-फर्जीवाड़े के खेल में बड़े रैकेट के साथ यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के शामिल होने का शक
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अभी तक संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के नाम पर ही फर्जी मार्कशीट व डिग्री का खेल चल रहा था। अब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के नाम पर भी शुरू हो गया है। पिछले कुछ सालों में कई मामले सामने आये।
इसके बावजूद फर्जीवाड़े में शामिल लोग हत्थे नहीं चढ़ पाए हैं। शनिवार को एक बार फिर काशी विद्यापीठ के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल सामने आया। एलआईयू के माध्यम से आंध्र प्रदेश से यूनिवर्सिटी में वेरीफिकेशन को आया बीकॉम का मार्कशीट व सर्टिफिकेट फर्जी मिला है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने रिकार्ड से मिलान करने के बाद फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट की रिपोर्ट एलआईयू को सौंप दी है।
सन् 2009 में हुआ है जारी
काशी विद्यापीठ के गोपनीय विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि आंध्र प्रदेश से वेरीफिकेशन के लिए आया मार्कशीट व सर्टिफिकेट दोनों देखने से फर्जी लग रहे थे। वर्ष 2009 में गजुला पल्ली दीपिका नामक परीक्षार्थी को जारी बीकॉम के अस्थायी प्रमाणपत्र में तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रभात रंजन के सिग्नेचर थे। जबकि सन् 2009 में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आईपी झा थे। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के नाम पर जारी हुए सर्टिफिकेट पर मुहर नहीं लगी होती है। जबकि वेरीफिकेशन में यूनिवर्सिटी की मुहर लगी हुई थी। रिकार्ड से मिलान करने पर सन् 2009 में गजुला पल्ली दीपिका नामक किसी भी परीक्षार्थी को कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ है। जबकि फर्जी मार्कशीट में दीपिका को बीकाम फर्स्ट क्लास उत्तीर्ण दर्शाया गया है।
बड़े रैकेट का हाथ
-पिछले चार महीने में यूनिवर्सिटी में तीन मार्कशीट व सर्टीफिकेट साउथ इंडिया के विभिन्न स्टेट से वेरीफिकेशन को पहुंचे जो फर्जी निकले
-राजस्थान से वेरीफिकेशन के लिये आयी एक स्टूडेंट की बीएड की डिग्री जांच में फर्जी निकली थी
-महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के नाम पर फर्जी डिग्री का खेल दिल्ली और हरियाणा में भी खूब चल रहा है
-देश के कई अन्य प्रदेश में भी सक्रिय रैकेट विद्यापीठ की डिग्री दिलाने के नाम पर स्टूडेंट्स को ठग रहे हैं
-फर्जी डिग्री के खेल में शामिल रैकेट भोले-भाले लोगों को डिग्री दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहा है
-फर्जी डिग्री का उपयोग नौकरी आदि हासिल करने में किया जा रहा है
कर्मचारियों पर शक
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के नाम पर एक के बाद एक फर्जी मिल रहे डिग्री के मामले से यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेश के माथे पर बल आ गया है। फर्जीगिरी के खेल में बड़े रैकेट के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसमें यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों के शामिल होने का भी संदेह है। सूत्रों की मानें तो मोटी रकम लेकर कर्मचारी रैकेट को यूनिवर्सिटी का डिटेल देने के साथ ही यूनिवर्सिटी के नाम पर मार्कशीट व सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं। रजिस्ट्रार ओम प्रकाश का कहना है कि पूरे मामले को लेकर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन गंभीर है। फर्जी मिले सर्टिफिकेट की रिपोर्ट एलआईयू को सौंप दी गई है।