-काशी विद्यापीठ के एनुअल एग्जाम की खुद वीसी ने संभाली कमान

-पहले दिन पकड़े गए 11 नकलची

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में एनुअल एग्जाम के स्टार्ट होने के चार दिन बाद भी नकल का शोर सुनायी नहीं दे रहा है। सामुहिक नकल की सूचना मिली न बेटे की जगह बाप एग्जाम देते मिला। कारण कि इस बार वीसी डॉ। पृथ्वीश नाग कॉलेज-कॉलेज घूम रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक वो यूनिवर्सिटी के एफिलिएटेड कॉलेजेज की चेकिंग कर रहे हैं। कभी इस कॉलेज तो कभी उस कॉलेज। अब जब खुद वीसी नकल रोकने के लिए मैदान में उतर गए हैं तो नकलचियों को सांप सूंघ गया है। बता दें कि छह डिस्ट्रिक्ट में यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेज हैं।

कॉलेजेज में छाया सन्नाटा

लास्ट ईयर यूनिवर्सिटी का एनुअल एग्जाम स्टार्ट होते ही नकलचियों की बाढ़ आ गयी थी। इस बार अभी तक स्थिति नियंत्रण में है। यूनिवर्सिटी से लेकर कॉलेजेज तक में शांतिपूर्ण एग्जाम हो रहा है। पहले दिन पकड़े गए क्क् नकलचियों को छोड़ दें तो बाकी शांति है। कहीं से भी किसी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना नहीं है। हालांकि इस बार पिछले साल की घटनाओं को देखते हुए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने नकल रोकने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की है। उसमें वीसी के जिम्मा संभाल लेने से नकल के खेल में लिप्त रहने वाले पीछे हट गए हैं।

कहीं इससे तो नहीं?

यूनिवर्सिटी के एनुअल एग्जाम में नकल का मामला सामने न आने के पीछे कई वजहें हैं। इसमें सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज को सेंटर न बनाना भी बड़ी वजह है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड ज्यादातर सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज में कांपटीशन के चलते यहां नकल होने की बात सामने आती है। पर इस बार तो उन्हें एग्जाम सेंटर्स बनाने से दूर रखा गया है। यही नहीं एग्जाम के लिए नोडल सेंटर बना दिए गए हैं। जिनके ऊपर एग्जाम की पूरी जिम्मेदारी है। ऐसे में कॉलेजेज चाहकर भी नकल नहीं होने दे रहे हैं।

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यूनिवर्सिटी एनुअल एग्जाम में नकल रोकने के लिए कटिबद्ध है। किसी भी हाल में नकल नहीं होने दिया जाएगा। नकल में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

ओमप्रकाश, रजिस्ट्रार