-गंगा में क्षमता से अधिक बोट पर बैठ रही सवारी

- लॉकडाउन के बावजूद घाटों पर दिखी भीड़, उड़ रही डीएम के आदेश की धज्जियां

सीन-1

स्थान- दशाश्वमेध घाट

समय- रविवार, शाम चार बजे

गंगा घाट पर अनलॉक का कितना पालन हो रहा है, इसकी पड़ताल करने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम रविवार को शाम चार बजे दशाश्वमेध घाट पहुंची। सीढि़यों से लेकर घाट किनारे आम पब्लिक की भीड़ दिखी, जिसमें अधिकतर लोगों ने मास्क नहीं पहन रखा था। नावों पर सवारी बैठाने के लिए होड़ मची थी। ज्यादा कमाई के चक्कर में नाव पर क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई जा रही थीं। लाइफ जैकेट तो दूर नावों पर सवारियों की सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं दिखा। गंगा के बीच लहरों पर लोगों में सेल्फी लेने की होड़ भी मची थी।

सीन-2

स्थान- अस्सी घाट

समय- रविवार, शाम पांच बजे

दशाश्वमेध घाट के बाद शाम करीब पांच बजे टीम अस्सी घाट पहुंची। वहां की स्थिति और डराने वाली दिखी। 80 फीसद लोगों ने मास्क नहीं पहन रखा था। यहां दूर-दूर तक न तो जल, न ही स्थानीय चौकी की पुलिस दिखी। चाय और खाने-पीने के सामान भी आसानी से मिल रहे थे। नावों पर क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने का सिलसिला भी दिखा। नाविक का हाथ पकड़ लोग नाव पर बैठ रहे थे। किसी के हाथ में सेनेटाइजर भी नहीं दिखा। सेल्फी और अधिक सवारियों के चलते कई बार नाव का बैलेंस भी बिगड़ा। बावजूद इसके नावों का संचालन हो रहा था। हालांकि नाव का बैलेंस बिगड़ने पर कइयों के चेहरे की हवाइयां उड़ गई, लेकिन शुक्र था कि कोई अनहोनी नहीं हुई।

सीन-3

स्थान- केदार घाट

समय- रविवार, शाम 5 : 30 बजे

अस्सी के बाद टीम केदार घाट पहुंची। यहां पर दशाश्वमेध और अस्सी घाट की तरह भीड़ नहीं दिखी। एक छोटे से नाव पर करीब 9 लोग सवार दिखे, जो नौका विहार के लिए अस्सी की ओर जा रहे थे। किसी ने लाइफ जैकेट नहीं पहन रखा था। नाव ने अभी लगभग 100 मीटर की दूर ही तय की थी, तभी तेज हवा के चलते नाव का बैलेंस बिगड़ने लगा। नाव सवार लोगों के चेहरे पर डर साफ झलक रहा था, लेकिन नाविक ने चंद मिनट में उसे कंट्रोल कर लिया।

लापरवाही की इंतहा हो गई

ये तो सिर्फ तीन घाटों की तस्वीर है, लेकिन राजघाट से लेकर अस्सी घाट तक हर प्रमुख घाटों पर यह स्थिति रही। अनलॉक होते ही लापरवाही की इंतहा हो गई है। 45 दिन बाद ही लोगों के अंदर कोरोना का डर खत्म हो गया है। हर जगह प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं। रविवार को लॉक डाउन लागू है। बावजूद इसके प्रमुख घाटों पर जबर्दस्त भीड़ रही। 10 दिसम्बर 2020 को तुलसी घाट पर नाव सवार चार लोगों के डूबने पर डीएम कौशलराज शर्मा ने नाव पर क्षमता से अधिक सवारी नहीं बैठाने का आदेश दे रखा है। साथ ही लाइफ जैकेट भी अनिवार्य किया है, लेकिन किसी भी घाट पर डीएम के आदेश का पालन नहीं दिखा।

यह था डीएम का आदेश

0 दिसंबर 2020 को जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक नाव संचालकों को नौकायन करने वाले पर्यटकों के लिए लाइफ जैकेट की व्यवस्था करनी होगी। बिना लाइफ जैकेट के गंगा की धार में नौकायन करने वाले पर्यटकों पर भी कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। इसके साथ ही नाविक भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। इन सब के अलावा नावों पर क्षमता से ज्यादा पर्यटकों को बैठाने पर भी नाविकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

जल पुलिस करेगी निगरानी

गंगा में लाइफ जैकेट के साथ ही पर्यटक नौका विहार करें इसके मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिलाधिकारी ने जल पुलिस को सौंपी है। लापरवाही या हादसे की स्थिति में जल पुलिस के अफसरों की भी जिम्मेदारी तय होगी। इसके साथ ही उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है।

::: कोट :::

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- डीएम