-नगर निगम में अब दिव्यांगों को नहीं चढ़ना पड़ेगा सीढ़ी, मेयर बनवाएंगे टॉप फ्लोर तक लिफ्ट

-मेयर ऑफिस के बगल में खींचा गया है लिफ्ट के लिए खाका, दिव्यांगों की सुविधाओं के बाबत सदन में होगा विचार-विमर्श

VARANASI

नगर निगम में सेकेंड फ्लोर के ऑफिसेज तक पहुंचने के लिए दिव्यांगों को सीढि़यां अब नहीं चढ़नी पड़ेगी। अब वह लिफ्ट के सहारे सेकेंड फ्लोर पर पहुंचकर अपने जरूरत के सभी काम पूरे कर सकेंगे। दिव्यांगों के प्रति 'सोच बदलो' कैंपेन का असर यह हुआ कि नगर निगम दिव्यांगों की परेशानियों को दूर करने के लिए लिफ्ट बनवाएगा। हालांकि मेयर ऑफिस से सटे स्थान पर लिफ्ट का खाका भी खींचा गया है लेकिन किसी कारणवश लिफ्ट की शुरुआत नहीं हो सकी है लेकिन मेयर रामगोपाल मोहले ने मार्च माह तक लिफ्ट की शुरूआत करने की हामी भरी है। उन्होंने दावा किया है कि दिव्यांगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए नगर निगम सदन में विचार विमर्श किया जाएगा। दिव्यांगों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नगर निगम में हर संभव मिलेगा।

दिव्यांगों के लिए बनेगा हेल्प डेस्क

विकास भवन की तर्ज पर दिव्यांगों के लिए नगर निगम में एक हेल्प डेस्क भी बनाया जाएगा। हेल्प डेस्क पर मौजूद दो कर्मचारी दिव्यांगों की हर समस्याओं को दूर करेंगे। यदि दिव्यांगों का कार्य सेकेंड फ्लोर के किसी विभाग या फिर निगम के ही दूसरी छोर पर पड़ रहा है तो डेस्क पर उनका फॉर्म फिलअप कराकर कर्मचारी खुद विभाग तक जाएंगे और काम पूरा कराकर वापस आकर दिव्यांगों को कंफर्म करेंगे। हालांकि इस तरह की सुविधा विकास भवन के ग्राउंड फ्लोर पर दिव्यांगों के लिए शुरू है।

दिव्यांगों की सुविधाओं के लिए नगर निगम सदैव तत्पर है। निगम में उन्हें सीढ़ी नहीं चढ़नी पड़े इसलिए टॉप फ्लोर तक लिफ्ट बनवाया जाएगा। दिव्यांगों की हेल्प के लिए हेल्प डेस्क भी बनाया जाएगा।

रामगोपाल मोहले

मेयर, नगर निगम

नगर निगम में एक नजर

-प्रतिदिन पांच सौ लोगों का आना जाना होता है, इसमें दस से बीस की संख्या में दिव्यांगों का होता है आना जाना

-प्रतिदिन लगभग तीन सौ से अधिक कर्मचारी

-लगभग एक दर्जन से अधिक विभाग है

-जन्म मृत्यु पंजीकरण विभाग

-इंजीनियरिंग विभाग

-आलोक विभाग

-सफाई विभाग

-उद्यान विभाग

-अतिक्रमण विभाग

-स्वास्थ्य विभाग

नोट-(इन विभागों में दिव्यांगों का पड़ता है अधिक कार्य)