-अकीदत से मनाया गया शब-ए-बारात

-पूरी रात गुलजार रहे कब्रगाह, याद किए गये पुरखे

- कब्रों पर शमा हुई रोशन, फूल चढ़ाकर पढ़ा गया फातिहा

VARANASI:

गुनाहों से माफी की रात शब-ए-बारात रविवार को शहर में अकीदत और उल्लास से मनाया गया। शाम में मगरिब की नमाज के बाद लोग अपने सगे सम्बंधियों की कब्रों पर पहुंचने लगे। कब्र पर शमा रोशन कर फातिहा पढ़ी गई। बड़ों के साथ बच्चे भी थे। देररात तक फातिहा पढ़ने का सिलसिला जारी रहा। दुर्गाकुंड स्थित बहादुर शहीद कब्रिस्तान, भेलूपुर में भवनिया कब्रिस्तान, रेवड़ी तालाब में जुम्मा शाह ज्ञानी बाबा, कपूर शहीद, कमच्छा कब्रिस्तान, सूरजकुंड, बाबा रहीम शाह बेनिया, फातमान, ऊंची तकिया लल्लापुरा, जलालीपुरा, सालारपुर, टकटकपुर भोजूबीर, बाबू मियां का अखाड़ा पिपलानी कटरा आदि कब्रिस्तानों पर खासी भीड़ रही।

मांगी रहम की भीख

रात भर मस्जिदों और कब्रगाहों में आवाजाही का माहौल रहा। लोगों ने पूरे अकीदत के साथ अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी। कुछ तो रो भी पड़े। हर जुबान पर बस यही सदा थी कि या अल्लाह रहम कर। हमारे गुनाहों को माफ कर। घरों में इस अवसर पर खासतौर से हलुआ बनाया गया और बतौर तबर्रुक तक्सीम किया गया। महिलाएं सुबह से ही पकवान बनाने में व्यस्त रहीं।

आस्तानों पर उमड़ी भीड़

शब-ए-बारात की रात बुजुर्गानेदीन के आस्तानों पर अकीदतमंदों की काफी भीड़ उमड़ी। हर शख्स जल्दी से जल्दी फातिहा पढ़कर मस्जिद जाना चाह रहा था। अस्र की नमाज के बाद शबीना (कंठस्थ कुरआन पढ़ना) शुरू हुआ। जहां से हाफिज आयत खत्म करते थे उसी के आगे दूसरे हाफिज पढ़ने लगते थे। बीच में मगरिब, एशा की नमाज उसी स्थान पर पढ़ी गई। इसके साथ ही कब्रगाहों में अपने पुरखों की कब्रों पर साफ-सफाई कर रात में उन्हें रोशन कर फूल चढ़ाए गये। पुरखों को याद किया गया।