--UGC द्वारा संशोधित शोध विनियम-2009 को विद्यापीठ कार्यपरिषद की मिली मंजूरी
-दो फेज में होगी पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया, candidates को प्रस्तुत करना होगा प्रोजेक्ट वर्क
VARANASI
काशी विद्यापीठ में अब पीएचडी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया दो फेज में होगी, फर्स्ट फेज में एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाएगा। सेकेंड फेज में कैंडीडेट्स को पावर प्वॉइंट प्रजेंटेशन के तहत प्रोजेक्ट वर्क प्रस्तुत करना होगा। प्रोजेक्ट वर्क में पास होने पर ही रिसर्च में रजिस्ट्रेशन होगा। साथ ही रिसर्च को तीन साल में कंप्लीट करना होगा। वहीं एमफिल करने वाले कैंडीडेट्स को छह माह के कोर्स वर्क नहीं करना होगा। यूजीसी द्वारा मई ख्0क्म् में शोध विनियम-ख्009 में किए संशोधन को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की कार्य परिषद ने मंजूरी दे दी है।
गठित थी कमेटी
इसके लिए यूनिवर्सिटी ने पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो। ओम प्रकाश सिंह के संयोजकत्व में एक कमेटी गठित की थी। समिति में विज्ञान व प्रौद्योगिकी संकायाध्यक्ष प्रो। सत्या सिंह, समाज कार्य संकाय के अध्यक्ष प्रो। राम प्रकाश द्विवेदी सदस्य बनाए गए थे। वीसी डॉ। पृथ्वीश नाग की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कार्यपरिषद की मीटिंग में समिति की रिपोर्ट को स्वीकृति मिल गई। वहीं आईएसएचआर (अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध केंद्र) के लिए नियम व शर्ते बनाने के लिए कार्यपरिषद ने वीसी को अधिकृत कर दिया। मीटिंग में रजिस्ट्रार ओम प्रकाश आदि प्रेजेंट रहे।
इम्पॉर्टेट प्वॉइंट्स
-पीजी में न्यूनतम भ्भ् परसेंट मार्क्स जरूरी
-नेट/जेआरएफ पास कैंडीडेट्स को एंट्रेंस एग्जाम में छूट
-एंट्रेंस एग्जाम में न्यूनतम भ्0 परसेंट मार्क्स जरूरी
-शोध सलाहकार समिति के समक्ष प्रत्येक छह में शोध प्रोजेक्ट की होगी समीक्षा
- विशेष परिस्थितियों में दूसरे संस्था में स्थानांतरित कराने की भी सुविधा
- शोध प्रबंध जमा करने से पहले करानी होगी संगोष्ठी
- सेमिनार में दो व मानक के अनुरूप पत्रिका में एक पेपर का प्रकाशन अनिवार्य
-थिसिस जमा करने के साथ मौलिक होने का देना होगा शपथ पत्र
-पहले की भांति खुली होगी मौखिकी परीक्षा
-अब चार वर्ष में पार्ट टाइम शोध करने की होगी अनुमति
- गाइड अब विशेषीकरण विषयों में ही करा सकेंगे शोध
- पीजी कॉलेज भी करा सकते हैं शोध
- कॉलेजेज को देना होगा लैब व सुविधाओं का सर्टिफिकेट