- इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम के लिए प्रदेश के 12 शहरों में काशी को किया गया शामिल

- 84 तिराहे और चौराहों पर बनेगी जेब्रा लाइन, फाइनल सर्वे के बाद मिलेंगे 49.92 करोड़ रुपये

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बनारस की ध्वस्त हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च होने वाले है। इसकी तैयारी हो गई है बस इंतजार है तो फाइनल सर्वे के बाद मिलने वाले करोड़ों रुपये का। क्योंकि पीएम के संसदीय क्षेत्र के ट्रैफिक को सुधारने का बीड़ा केन्द्र ने नहीं बल्कि प्रदेश सरकार ने उठाया है। इसके तहत काशी को उन 12 महानगरों में शामिल किया गया है जहां ट्रैफिक को इंट्रीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम के तहत आपरेट किए जाने की प्लैनिंग है। सोमवार को इस प्लैन के लिए वीडियो कांफ्रेसिंग हुई जिसमें विस्तार से चर्चा की गई। लंबे समय से लंबित नए सिस्टम में शहर के 84 तिराहे और चौराहों पर जेब्रा लाइन बनाने के साथ सीसी कैमरे लगाये जाएंगे। इसके लिए छह माह पहले सर्वे हुआ था लेकिन आला अफसरों ने नए सिरे से दोबारा शहर की जमीनी हकीकत देखने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद ट्रैफिक के लिए लगभग 49.92 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।

इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में चिह्नित तिराहे और चौराहों की दशा सुधारी जानी है। यहां से अतिक्रमण हटाने के साथ सड़क को चौड़ी कर जेब्रा लाइन बनाई जाएगी। यहां लगने वाले सीसी कैमरों के संग मूविंग कैमरे लगेंगे। लंबे समय से इस सिस्टम के लिए काम चल रहा है। लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, इलाहाबाद, वाराणसी समेत प्रदेश के 12 जनपदों में इस सिस्टम को लागू होना है। सोमवार को इसकी खातिर हुई वीडियो कांफ्रेंसिग में मुख्य सचिव आलोक रंजन, प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा, डीजीपी जावीद अहमद और निदेशक यातायात अनिल अग्रवाल शामिल थे। एसपी ट्रैफिक कमल किशोर ने ट्रैफिक की बाबत पूछे गए सवालों का जवाब दिया।

बनेगा सेंट्रल कंट्रोल रूम

नए सिस्टम में चौराहों पर ट्रैफिक कांस्टेबिल न भी रहे तो भी यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों पर नजर रहेगी। सभी स्थानों पर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे और इसकी मॉनिटरिंग के लिए सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। यहां से पूरे शहर की दशा को एक ही स्थान से देखा जा सकेगा। फिलहाल इसके लिए कोई स्थान तय नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा ट्रैफिक पुलिस लाइंस के पिछले हिस्से में सेंट्रल कंट्रोल रूम बनेगा।

नियम तोड़ने पर खुद ब खुद हो जाएगा ई-चालान

काशी में रहने वाले ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं। प्रदेश में सर्वाधिक चालान यहां पर होते रहते हैं। नए सिस्टम के बाद लोगों को नियम का पालन करना ही होगा। दरअसल इसमें यदि सिपाही के न रहने पर भी कोई रेड लाइट पार करता है तो कैमरे से उसके वाहन का नंबर लेकर ई-चालान काट दिया जाएगा। चालान घर भेज दिया जाएगा जिसमें जिक्र रहेगा कि किस दिन और किस समय नियम का उल्लघंन किया है।

महानगरों में काम करने वाली संस्था को जिम्मेदारी

सिस्टम को तैयार करने की जिम्मेदारी जिस निजी संस्था को दी गई है वह हैदराबाद, बंगलुरु समेत दक्षिण भारत के अधिकांश महानगरों में यह कार्य कर चुकी है। संस्था ने पहले सर्वे किया था लेकिन प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ। अब नए सिरे से स्थानीय अधिकारियों के संग बैठक कर प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।