-इंटरनेट व मोबाइल पर रेल टिकट की सुविधा के बाद रिजर्वेशन काउंटर से टिकट लेने वालों की संख्या में आयी भारी कमी

-मेट्रो सिटीज की तरह कैंट स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर को भी प्राइवेट एजेंसी के हाथ में देने की तैयारी

VARANASI

इंटरनेट व मोबाइल पर रेल टिकट की सुविधा प्रोवाइड कराये जाने के बाद से कैंट स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट लेने वालों की संख्या में बेहद कमी आयी है। हार्ड टिकट लेने वालों की संख्या लगातार घटती जा रही है। वहीं इंटरनेट और मोबाइल पर टिकट का रिजर्वेशन कराने के लिए लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में रेलवे ने अब मेट्रो सिटी में स्थित रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर को प्राइवेट हाथों में देना स्टार्ट कर दिया है। वह दिन दूर नहीं जब बनारस स्थित कैंट स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर से भी रेलवे हाथ खींच लेगा। इसका लक्षण दिखायी भी देने लगा है। स्टेशन पर जहां पहले रिजर्वेशन सेंटर में क्0 से क्ख् काउंटर खुलते थे, वहीं अब सिर्फ दो से तीन काउंटर ही खुल रहे हैं। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगे क्या होने वाला है।

कभी खुलते थे क्ख् काउं‌र्ट्स

एक समय था जब कैंट स्टेशन पर स्थित रिजर्वेशन सेंटर्स में क्0 से क्ख् काउंटर खुलते थे और उस पर टिकट लेने वालों की लंबी-लंबी लाइनें लगती थीं। लेकिन अब ऐसा नहीं है। वर्तमान में इस सेंटर में सिर्फ दो से तीन काउंटर खुलने के बाद भी टिकट के लिए लंबी लाइन नहीं लगती है। सुबह व शाम को छोड़ दें तो दिन में काउंटर लगभग खाली ही रहता है। ऐसी सिचुएशन ऑनलाइन व मोबाइल पर रेल टिकट की बुकिंग स्टार्ट होने के कारण क्रिएट हुई है।

तो इसलिए बंद हो रहा काउंटर

कैंट स्टेशन पर रेल टिकट का रिजर्वेशन कराने के लिए आने वालों की कमी को पीछे डिपार्टमेंट की ओर से प्रोवाइड कराया गया ऑप्शन है। पहले जहां रेल टिकट का रिजर्वेशन स्टेशन स्थित काउंटर से ही संभव था। वहीं अब इंटरनेट व मोबाइल सहित अन्य ऑप्शन के माध्यम से घर बैठे ही मनपसंद ट्रेन में रिजर्वेशन कराया जा सकता है। यही नहीं रेलवे की ओर से सिटी में नियुक्त एजेंसियां भी लोगों को रिजर्वेशन टिकट अवेलेबल करा रही हैं। फिर रेलवे स्टेशन का चक्कर कौन काटेगा।

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कर्मचारियों की कमी भी बड़ी वजह

कैंट स्टेशन के रिजर्वेशन सेंटर में कर्मचारियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। रिजर्वेशन सेंटर में कर्मचारियों का अप्वॉइंटमेंट करने के बजाए रेलवे यह काम प्राइवेट एजेंसियों को सौंप रहा है। वर्तमान में आधे से भी कम कर्मचारी रिजर्वेशन सेंटर में बचे हैं। रेलवे के एक ऑफिसर ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के चलते सेंटर में बस किसी तरह काम चल रहा है।

प्राइवेट एजेंसी को काम

कर्मचारियों व इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से जूझ रहे रिजर्वेशन सेंटर को रेलवे ने प्राइवेट हाथों में सौंपने का कार्य स्टार्ट कर दिया है। हालांकि इस प्रोजेक्ट में अभी बड़े स्टेशंस ही शामिल हैं। अगली कड़ी में बनारस स्टेशन की बारी है। जानकारों के मुताबिक प्राइवेट एजेंसी के हाथ में टिकट रिजर्वेशन का काम दिये जाने से फायदा यह होगा कि काउंटर्स पर कर्मचारियों की कमी का अंत हो जाएगा।

बाउंड्री हो रही पीछे

स्टेशन स्थित रिजर्वेशन सेंटर में एक के बाद एक काउंटर बंद ही नहीं हुए हैं बल्कि लंबा चौड़ा एरिया भी छोटा हो रहा है। डीईएन पीके श्रीवास्ताव ने बताया कि स्टेशन के रिजर्वेशन सेंटर की नई बाउंड्री वॉल बन रही है। सेंटर की पुरानी बाउंड्री वॉल पीछे कर दी गयी है। गेट को भी पीछे गया है। खाली हुई जगह पर जीटी रोड से स्टेशन को जोड़ने के लिए रोड बनायी जा रही है।