-महिला अस्पताल कबीरचौरा में पहुंची PWD अफसरों की टीम, मैटेरियल्स का लिया सैंपल

-सीमेंट व बालू किया सील, निर्माण कार्यो की देखी हकीकत

VARANASI

गवर्नमेंट वीमेन हॉस्पिटल कबीरचौरा में निर्माणाधीन दीवार गिरने से मासूम दिलारू की मौत के बाद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की नींद टूट गई है। निर्माण में यूज होने वाले मैटेरियल्स की जांच के लिए शुक्रवार को हॉस्पिटल पहुंचे पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन एसपी जैन ने बालू व सीमेंट का सैंपल लेकर लखनऊ जांच के लिए भेज दिया। वहीं सीमेंट व बालू को सील भी कर दिया। दोपहर में पहुंचे अधिकारियों ने निर्माण कार्यो की जांच की। मलबे में पड़े ईट को आपस में टकराकर क्वालिटी को परखा। वहीं अदर मैटेरियल्स की भी गहनता से जांच की। लेकिन सवाल ये उठता है कि जिम्मेदार अधिकारी आखिरकार हादसे के बाद जांच का कोरम क्यों पूरा कर रहे हैं। यदि ये जांच पहले कर लेते तो शायद मासूम की जान न जाती।

अधिकारी क्यों रहे मौन?

ऐसा नहीं है कि निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग करने वाले अफसर हॉस्पिटल निर्माण मैटेरियल्स की क्वालिटी व क्वांटिटी से अनजान थे, उन्हें सब मालूम था फिर भी मौन साधे रहे। आखिर क्या वजह रही कि बीच-बीच में मैटेरियल्स की क्वालिटी नहीं परखी गई? नियमों को ताक पर रखकर हो रहे निर्माण कार्य पर अफसरान आंख मूंदे रहे। वहीं घटना के दिन ही डीएम योगेश्वर राम ने संकेत दे दिया कि निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले अफसर बख्शे नहीं जाएंगे।

जांच के जद में डॉक्टर्स भी

उधर, दिलारू के परिजनों के आरोप पर परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ। नीना गुप्ता भी फास्ट हो गई हैं। मंडलीय हॉस्पिटल के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर्स व स्टाफ पर इलाज में लापरवाही बरतने की भी जांच होगी। वह खुद पूरे मामले को संज्ञान में लेकर चल रही हैं। दरअसल, हुआ यह था कि जब मासूम बच्चों पर दीवार गिरी तो आनन-फानन में इमरजेंसी वार्ड पहुंचे, यहां चिकित्सक व स्टाफ उपचार के बाद ट्रामा सेंटर बीएचयू के लिए रेफर कर दिये। दिलारू के परिजनों का आरोप था कि प्राथमिक उपचार में बहुत लापरवाही बरती गई।