-मध्य प्रदेश में प्याज एक रुपये पसेरी तो बनारस में बिक रहा 70 रुपए

-फुटकर नहीं थोक मंडी में भी प्याज के दाम सत्तर गुना

-अधिक पैदावार से किसान रो रहे खून के आंसू तो आखिर कहां जा रहा प्याज

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प्याज की अधिक पैदावार से किसानों की लागत मिलना भी मुश्किल हो गई है। 20 पैसे प्रति किलो बिक रहे प्याज से किसान खून के आंसू रो रहे हैं। ऐसी खबरों से लोगों का दिल तो भर आ रहा है, मगर बनारस में प्याज के दाम गिरने का नाम नहीं ले रहे हैं। दो दिन पहले तक जहां थोक मंडी में प्याज 45 रुपए पसेरी (5 केजी) बिक रहा था, वहीं रविवार को बढ़कर सत्तर रुपए पसेरी पहुंच गया। अगर प्याज की पैदावार अच्छी हुई है और किसानों की लागत तक नहीं निकल रही है तो फिर बनारस में दाम क्यों बढ़ रहा है? यह एक बड़ा सवाल है? जिसका हल किसी के पास नहीं है।

जमाखोरी का नतीजा तो नहीं

प्याज के आसमान छूते रेट ने कई बार लोगों के आंसू निकाले हैं। इस बार जब अधिक पैदावार हुई तो लगा कि रेट कम होगा। मगर रेट कम होने के बजाए बढ़ने लगे। इससे साफ है कि अधिक मुनाफा कमाने के फेर में प्याज की जमाखोरी शुरू हो गई है। यूपी में प्याज की खपत मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से होती है। वहां प्याज की कीमत एक रुपए पसेरी चल रहा है, जबकि यहां सत्तर रुपए। जबकि दो दिन पहले तक 45 रुपए पसेरी प्याज बिक रहा था। ऐसे में प्याज के रेट गिरने के बजाए बढ़ गए। फुटकर मार्केट में प्याज रविवार को 18 से 25 रुपए प्रति किलो बिका। जबकि शनिवार तक यह रेट 12 से 20 रुपए प्रति किलो था।

वर्जन-

प्याज के दाम में उतार-चढ़ाव चलता रहता है। मगर इस बार पैदावार काफी अच्छी हुई है। इसलिए प्याज के रेट ज्यादा अधिक नहीं बढ़ेंगे। जमाखोरी पर भी नजर रखी जा रही है।

श्याम लाल यादव, सचिव मंडी