-स्वास्थ्य निदेशालय ने सूबे भर में जारी किया लेटर, बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टर पर दर्ज होगी एफआईआर

-सीएमओ, सीएमएस के यहां मरीज दर्ज करा सकते हैं कम्पलेन

VARANASI

गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में यदि दवाएं अवेलेबल नहीं हैं तो डॉक्टर्स उसकी परचेजिंग सीएमएस, सीएमओ को लेटर भेजकर करा सकते हैं, लेकिन यदि बाहर की दवा मरीजों को लिखते हैं तो उनके खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। नया फरमान स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से सूबे भर में जारी किया गया है। हालांकि यह पहले भी तय था कि डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवा नहीं लिखें। लेकिन कमीशन के चक्कर में बहुत से डॉक्टर्स मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने से बाज नहीं आ रहे हैं। सीएचएसी, पीएचसी से लेकर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल व मंडलीय हॉस्पिटल में यह खुलेआम हो रहा है, पहले एक रुपये की पर्ची पर लिखते थे लेकिन अब एक छोटी पर्ची पर लिख रहे हैं।

यदि गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में डॉक्टर बाहर की दवा लिख रहे हैं तो उस पर्ची को लेकर सीधे सीएमओ, सीएमएस के पास पहुंचकर अपनी कम्पलेन दर्ज करायें। सीएमओ व सीएमएस को ऑनलाइन दवाओं का ऑर्डर देने की मंजूरी मिली है। दवा खरीदने में कोई प्रॉब्लम नहीं हो इसके लिए दवा कंपनी, दवा का रेट आदि शासन से निर्धारित किया जा चुका है। यदि हॉस्पिटल में दवा अवेलेबल नहीं है तो सीएमओ, सीएमएस मार्केट से खरीदकर मरीज को दवा अवेलेबल करायेंगे।

भर्ती मरीजों से होती है वसूली

डिस्ट्रिक्ट व डिवीजनल हॉस्पिटल्स में एडमिट मरीजों के तीमारदारों से दवाओं के नाम पर वसूली की जाती है। एडमिट मरीजों के तीमारदारों से एक-एक हजार तक की दवा प्रतिदिन के तौर पर मंगाई जाती है। दवा भी उसी मेडिकल स्टोर्स से लेना पड़ता है जहां से लेने के लिए डॉक्टर साहब लिखे होते हैं, यदि किसी अन्य मेडिकल स्टोर्स से तीमारदार ने दवा खरीद लिया तो उसे वापस तक करा देते हैं। कमीशनबाजी के खेल में कभी-कभी मरीजों के जान की बाजी भी लगा दी जाती है।

आखिर कब तक होगा ऐसा?

यह तो बहुत पहले से ही सुनते आ रहे हैं कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टर्स पर दंडनीय कार्रवाई होगी। सूबे के हेल्थ मिनिस्टर, हेल्थ हेडक्र्वाटर के ऑफिसर्स बीच-बीच में यह जुमला बराबर फेंकते रहते हैं कि पेशेंट्स को हॉस्पिटल की दवाएं ही लिखी जाएं, बाहर की दवाएं बिल्कुल भी नहीं लिखी जाएं। यदि ऐसा करते हुए कोई डॉक्टर पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है। हालांकि इस तरह के आदेश के बाद अब तक कोई कार्रवाई तो दूर किसी डॉक्टर को चेताया तक नहीं गया है।

सभी डॉक्टर्स को आदेश जारी कर दिया गया है कि बाहर की दवा नहीं लिखी जाये। जो दवाएं हॉस्पिटल्स में अवेलेबल हों वहीं लिखी जाएं। यदि ऐसा नहीं किए जाने की किसी के अंगेस्ट कम्पलेन मिली तो कानूनी कार्रवाई तय है।

डॉ। निरुपमा मिश्रा

एडी हेल्थ