- महिलाओं के लिए स्पेशल पिंक ऑटो रिक्शा की हुई शुरुआत

-फिलहाल दस लाख की आधी आबादी के लिए मौजूद होंगे सिर्फ दो पिंक ऑटो रिक्शा

- अलग-अलग रूट्स पर सिर्फ महिलाओं को ले जाएंगे मंजिल तक

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बनारस की सड़कों पर अगर आपको कोई पिंक ऑटो दिखे तो उसमें सवार होने के बारे में मत सोचियेगा क्योंकि यह सिर्फ महिलाओं के लिए हैं।

लेडीज को सेफली उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए बनारस की सड़कों पर स्पेशल पिंक ऑटो रिक्शा उतार दिये गए हैं। लेकिन अब इसे महिलाओं की सुरक्षा की चिंता कहें या फिर उनके साथ किया जाने वाला मजाक। इस शहर में महिलाओं की आबादी दस लाख से ज्यादा है जबकि महज दो पिंक ऑटो केको ही परिमट दी गयी है। हालांकि आरटीओ का दावा है कि ये अभी शुरुआत है और जल्द ही ऐसे कई और ऑटो का सड़कों पर उतारने की तैयारी है। फिर तो हर लेडीज बोलेगी 'गुलाबों जरा घर पहुंचा दो'।

पीएम के संसदीय क्षेत्र से हुई शुरुआत

आरटीओ रामफेर द्विवेदी के अनुसार महिलाओं का सफर सुरक्षित बनाने के लिए पिंक ऑटो रिक्शा योजना की शुरुआत की गयी है। इस क्रम में अभी दो पिंक ऑटो को परमिट दी गयी है। सेंट्रल गवर्नमेंट का यह पुराना प्लान है। इसे यूपी में लागू होने में अभी वक्त है लेकिन पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के कारण बनारस में इसकी शुरुआत दो ऑटो से हुई है। जल्द ही 25 पिंक ऑटो को भी परमिट दिया जाएगा।

चालकों का होगा वेरिफिकेशन

पिंक ऑटो रिक्शा की खासियत यह कि इसमें महिलाओं की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। इसे अन्य ऑटो से अलग पिंक रंग दिया गया है ताकि हर चौराहे पर पुलिस और ट्रैफिक सिपाही की निगाह इन पर रहे। इसमें सिर्फ महिलाएं अकेली या अपने परिवार के साथ सफर कर पाएंगी। किसी पुरुष को इसमें बैठने की इजाजत नहीं होगी। आरटीओ के मुताबिक पिंक ऑटो रिक्शा को चलाने के लिए चालक को परमिट तभी दिया जाएगा जब वह अपना चरित्र प्रमाण पत्र नजदीकी थाने से लाकर जमा करेगा। ऐसा नहीं करने पर परमिट नहीं दी जाएगी।

ऑटो है कितनों का सहारा

- शहर में दौड़ रहे हैं 5300 ऑटो रिक्शा

- इतनी ही संख्या में अवैध ऑटो भी हैं

- लेडीज को शहर में सफर के लिए ऑटो बड़ा सहारा है

- अलग-अलग रुट्स पर चलने वाले ऑटो से स्ट्डेंट से लेकर वर्किंग लेडिज तक जर्नी करती हैं

- रजिस्टर्ड ऑटो में तो लेडिज सेफ होती हैं लेकिन अवैध में किसी तरह की प्रॉब्लम हो सकती है

ऊंट के मुंह में जीरा

- 2011 की जनगणना के मुताबिक बनारस शहर में महिलाओं की संख्या 10 लाख तीन हजार दो सौ 64 है

- इतनी बड़ी आबादी के लिए दो पिंक ऑटो का चलना ऊंट के मुंह में जीरा है

- हालांकि आरटीओ 25 नई पिंक ऑटो चलाने की बात कह रहे हैं

पिंक ऑटो की सर्विस हम ग‌र्ल्स के लिए च्च्छी है लेकिन इनकी संख्या बढ़नी चाहिए। दो ऑटो से क्या होगा। ज्यादा संख्या होगी तभी हमें फायदा मिलेगा।

नाजरा नूर, स्टूडेंट

पिंक ऑटो का कान्सेप्ट पुराना है लेकिन अपने शहर में इनका संचालन नहीं हो रहा था। अब संचालन शुरू होने जा रहा तो इनकी संख्या अधिक रखनी चाहिए।

काजोल पॉल, वर्किंग लेडी