-पीएम नरेंद्र मोदी के लगातार प्रयास से संवर रहा बनारस

-गंगा में ई बोट चलाने के बनारस की बेटी के सुझाव पर मोदी ने किया अमल

-सितंबर में आए पीएम को अंकिता ने दिया था 11 सूत्रीय सुझाव पत्र

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पौराणिक नगरी काशी को संवारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस शहर की पहचान गंगा और घाटों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। काशी कैसे अविनाशी बनी रहे इसके लिए हर सुझाव को बेहद गंभीरता से लेते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है बनारस की बेटी अंकिता खत्री द्वारा दिया गया सुझाव। उन्होंने पीएम को दिये गए पत्र में गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ई-बोट चलाने का सुझाव दिया था। पीएम ने इसकी न सिर्फ सराहना की बल्कि अमल भी लाए। एक मई से गंगा में ई बोट संचालन की शुरुआत हो रही है। इसका उद्घाटन खुद पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे।

मोदी ने की थी सराहना

पीएम नरेंद्र मोदी 18 सितंबर 2015 को बनारस आए थे। उन्होंने डीएलडब्ल्यू गेस्ट हाउस में कई विशिष्टजनों के साथ मुलाकात की थी। साथ ही उनसे बनारस को बेहतर बनाने का सुझाव भी मांगा था। पीएम से मिलने वालों की लिस्ट में दुर्गाकुण्ड की अंकिता खत्री का भी नाम था। अंकिता ने पीएम से मिलकर उन्हें 11 सूत्रीय सुझाव पत्र 'काशी अविनाशी' सौंपा था। जिसमें उन्होंने काशी को प्रदूषण मुक्त और संवारने संबंधी सुझाव था। तब पीएम मोदी ने इस सुझाव पत्र की प्रशंसा करते हुए अंकिता से कई मुद्दों पर चर्चा भी की थी।

धीरे-धीरे दिख रहा असर

अंकिता ने बताया कि पीएम बनारस को संवारने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम बनारस और गंगा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत वे विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं। ई-रिक्शा और पॉलिथीन पर बैन इसी की एक शुरुआत है। अब गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए अब ई-बोट चलेंगी। अंकिता ने बताया कि उन्होंने अपने सुझाव पत्र में सातवां सुझाव यही दिया था। इसी तरह पॉलिथीन मुक्त का सुझाव पहले नंबर पर है। अंकिता ने अन्य सुझावों में सफेद एलईडी लाइट को पीले से परिवर्तित करना, धोबी मुक्त काशी के घाट, वृद्ध एवं शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए रैम्प बनवाना, घाटों से एनॉमेल पेंट हटवाना, नाव पर लिखे विज्ञापन हटवाना, ई-स्टीमर में बायो गैस टॉयलेट, काशी को मदिरा मुक्त क्षेत्र बनाना, कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था और घाटों से स्टील रेलिंग के स्थान पर पत्थर की रेलिंग लगाना शामिल हैं। उन्हें उम्मीद है कि पीएम इन सुझावों पर भी अमल करेंगे।