--CM के आदेश के बाद भी थानों में साफ सफाई के रियलिटी चेक में फेल हुए शहर के थाने
--SSP के निरीक्षण के बाद कई थानों से कबाड़ निकालकर रख दिया गया है थानों के बाहर
-सड़क पर अतिक्रमण की वजह बने कबाड़ वाहनों के चलते लग रहा जाम
VARANASI
Spot-1
भेलूपुर थाना
इस थाने का एसएसपी ने खुद औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान कप्तान ने सीज के बाद थाने के अंदर रखे वाहनों को हटाकर इनका निस्तारण करने को कहा था। जिसके बाद कुछ वाहन तो पुलिस लाइन चले गए लेकिन कुछ थाने के बाहर निकालकर रख दिए गए। इससे यहां सफाई के लिए एसएसपी का दिया गया टॉय टॉय फिस्स ही नजर आया।
स्श्चश्रह्ल-2
सिगरा थाना
शहर के मेन थानों में शामिल इस थाने में सीएम योगी के आदेश के बाद यहां सभी पुलिस वालों ने साफ सफाई तेजी शुरू की थी। कबाड़ हो चुके कुछ वाहन हटाये भी गए लेकिन थाने के बाहर व सामने दूसरी लेन में कबाड़ हो चुके कई फोर व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स और टू व्हीलर्स पर ध्यान ही नहीं दिया गया। इस कारण वे वहां पड़े पड़े सड़ रहे हैं। जिसके कारण ये रोड अक्सर जाम से जकड़ी रहती है।
स्श्चश्रह्ल-3
कैंट थाना
जिले का इकलौता मॉडल थाना होने के बाद भी इस थाने की हालत बहुत ही खराब है। थाने के अंदर से वाहनों को काफी पहले ही निकालकर सड़क पर फेंक दिया गया है। जिसके कारण थाने के बाहर सड़क के दोनों ओर कबाड़ वाहनों का कब्जा है और सड़क सकरी हो चुकी है।
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से जिले के इन तीनों थानों का रियलिटी चेक ये बताने के लिए काफी है कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में सीएम योगी के स्वच्छता अभियान को लेकर थानों की पुलिस कितना एक्टिव है। हाल यह है कि तीनों थानों में सफाई के लिए किए गए तमाम प्रयास पहले ही स्टेप में फेल साबित हुए हैं। सीएम ने शपथ लेने के बाद ही पुलिस वालों को थानों को साफ सुथरा रखने के आदेश दिए थे। जिसके बाद बनारस में भी थानों में साफ सफाई शुरू तो हुई लेकिन सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बनने के लिए। इसी की सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट संडे को निकला और शहर के तीनों थानों में सफाई की हकीकत को जाना। इस दौरान पता चला कि थानों में अंदर तो सफाई की जा रही है लेकिन बाहर पड़ा कबाड़ पब्लिक की मुसीबत बढ़ाने के साथ ही पीएम व सीएम दोनों के स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है।
आखिर कब होगा निस्तारण
- ख्भ् थाने हैं जिले में
- एक महिला थाना है
- ख्0 से ज्यादा गाडि़यां हर थाने में हैं डंप
- पांच साल से ज्यादा समय से पड़ी हैं गाडि़यां
-तीन साल पर होनी होती है कबाड़ गाडि़यों की नीलामी
दिक्कतें भी दे रहा कबाड़
- थानों के बाहर पड़ा कबाड़ गंदगी फैला रहा है
-कबाड़ के पास मच्छरों और आवारा कुत्तों का अड्डा बना है
- कबाड़ हो चुके फोर व्हीलर्स में नशेड़ी छुपाते हैं नशे का सामान
- सड़क पर फैले होने के कारण जाम लगने का बन रहा है कारण
अगर थानों के बाहर कबाड़ वाहन पड़े हैं तो उनको भी वहां से हटाया जायेगा। स्वच्छता का मतलब हर तरह से साफ सुथरा होता है। हर पुलिसवाले को ये समझकर काम करना होगा।
राजेश यादव, एसपी सिटी