कैंट रेलवे स्टेशन परिसर के प्री-पेड टैक्सी बूथ चला रहे अवैध ठेकदार

-कैंट रेलवे स्टेशन पर प्री-पेड टैक्सी व ऑटो बूथ बना मजाक

-बिना रजिस्ट्रेशन व वेरीफिकेशन के सवारी ढो रहे अवैध वाहन

-कैंपस से वाहन संचालन के बदले जीआरपी की जेब करते हैं गर्म

raghawendra.mishra@inext.co.in

VARANASI

कैंट रेलवे स्टेशन पर प्री-पेड टैक्सी बूथ के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। कहने को जीआरपी की निगरानी में प्री-पेड टैक्सी व ऑटो बूथ का संचालन हो रहा है। यहां व्हीकल वाले भी वेरीफाइड हैं और किराया भी फिक्स है। लेकिन ये सच नहीं है। यहां तो अलग ही व्यवस्था चल रही है। पैसा दो तो अंदर आओ, सवारी भरो और खिसक लो वाला हिसाब चल रहा है।

वेरीफिकेशन न रिकॉर्ड

प्री-पेड बूथ से सवारी बैठाने वाला टैक्सी ड्राइवर या मालिक कौन है? उसके पास आरसी और डीएल है या नहीं? ड्राइवर का वेरीफिकेशन है या नहीं? ये पूछने वाला भी कोई नहीं। किस गाड़ी नम्बर पर किस व्यक्ति ने बुकिंग करा कर सवारी की, पैसेंजर को कहां जाना था और उसने कितना किराया दिया? ये भी रिकॉर्ड यहां नहीं मिलेगा। इसी का नतीजा है कि यहां से वाहन लेने वाले पैसेंजर्स आये दिन मिसबिहैव या ओवर चार्जिग के शिकार हो रहे हैं। फिर भी मनमानी है कि रुकने का नाम नहीं ले रही।

क्0 से ब्0 रुपये तक वसूली

कैंट स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया से संचालित होने वाले ऑटो व टैक्सी को यहां घुसने और सवारी बैठाने के लिए बकायदा सुविधा शुल्क देना पड़ता है। यदि पैसा न दें तो वे कैंपस में घुस नहीं सकते। किसी तरह घुस गए तो फिर खैर नहीं। गाड़ी तक जब्त हो सकती है। फिलहाल अंदर आने और सवारी बैठाने के एवज में ऑटो से क्0 रुपये प्रति चक्कर तो टैक्सी से ब्0 रुपये वसूला जा रहा है। रेग्यूलर सवारी बैठाने वाले टैक्सी ओनर को एक हजार रुपये महीना भी जमा करना होता है। इसके अलावा बेगारी भी करनी पड़ती है।

रजिस्टर्ड के आड़ में मनमानी

सन् ख्00भ् में पैसेंजर्स की सुविधा के लिए सर्कुलेटिंग एरिया में रेलवे ने एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन कैंपस में प्री-पेड टैक्सी बूथ शुरू किया। बूथ संचालन की जिम्मेदारी जीआरपी को सौंपी गयी। लेकिन यहां से संचालित होने वाली टैक्सी व ऑटो के रजिस्ट्रेशन का जिम्मा कमर्शियल डिपार्टमेंट को दिया गया। शुरुआत तो ठीक रही लेकिन कुछ महीनों बाद से टैक्सी व ऑटो ओनर यहां बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही सुविधा शुल्क देकर पैसेंजर्स ढोने लगे। ये सिलसिला अब भी जारी है। वर्तमान समय में क्ब्8 ऑटो व ब्8 टैक्सी यहां रजिस्टर्ड हैं। लेकिन इससे कहीं ज्यादा टैक्सी व ऑटो सवारियां भरती हैं। ऑटो के छह महीने के रजिस्ट्रेशन का क्म्0भ् रुपये चार्ज जमा होता है जिसे दिए बिना भी बहुत से ऑटो वाले सवारियां बैठाते हैं।

खतरे में पैसेंजर्स की जान

(द अदर साइड)

आतंकी हमला झेल चुके कैंट स्टेशन की सिक्योरिटी को लेकर हेडक्वार्टर भले चिंतित हो, लेकिन स्थानीय एडमिनिस्ट्रेशन को इससे कोई लेना देना नहीं है। अगर चिंता होती तो आएदिन पैसेंजर्स के साथ हो रही घटना से जीआरपी व आरपीएफ सबक लेती। पर ऐसा नहीं हो रहा है। बिना किसी फार्मेलिटी के कार व आटो का यहां से धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। बदले में मोटी रकम वसूला जा रहा है। ड्राइवर के वेश में आतंकी हैं या क्रिमिनल, कोई ध्यान देने वाला नहीं।

ये भी होता है प्री-पेड बूथ की आड़

(शॉकिंग ऑस्पेक्ट)

- स्टेशन कैंपस में अवैध तरीके ऑटो, टैक्सी के अलावा मैजिक और क्रूजर वाले भी भरते हैं सवारियां।

- सभी को प्रत्येक टिप के लिए फिक्स चार्ज के अलावा मंथली सुविधा शुल्क के लिए रकम देना होता है।

- रेगुलर सवारियां बैठाने वालों की एक अलग लिस्ट रहती है रेलवे पुलिस के पास जिससे होती है वसूली

- पासिंग ऑटो और टैक्सी को ही है स्टेशन की पार्किंग में गाड़ी पार्क करने की अनुमति लेकिन अवैध गाडि़यों वाले भी जमे रहते हैं।

- ये अवैध गाडि़यां स्टेशन की सुरक्षा के लिए बने हैं बड़ा खतरा जिस पर किसी का नहीं है ध्यान

हर चीज का रेट फिक्स है यहां

फीगर स्पीक

-क्ब्8 ऑटो रजिस्टर्ड हैं बूथ पर

-ब्8 कार रजिस्टर्ड हैं बूथ पर

-क्0 रुपये प्रति ट्रिप आटो से अवैध वसूली

-ब्0 रुपये प्रति ट्रिप टैक्सी से अवैध वसूली

-भ्00 से अधिक अवैध ऑटो का संचालन

- क्000 रुपये प्रति माह कार से अवैध वसूली

- क्भ्00 रुपये प्रति माह मैजिक से अवैध वसूली

- ख्000 रुपये प्रति माह क्रूजर से अवैध वसूली