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-गृहकर के आधार वर्ष के विरोध में हैं लोग

नगर निगम वाराणसी के गृहकर के आधार वर्ष के विरोध में बुधवार की सुबह सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब के बैनर तले लोग मैदागिन स्थित भारतेंदु पार्क में एकत्र हुए। यहां सभी ने मांग की कि नगर निगम गृहकर की नई दर के लिए वर्ष 2014 को आधार वर्ष मानकर कमर्शियल भवनों के मालिकों से पैसा न जमा कराए। बल्कि गृहकर के लिए वर्ष 2019 को ही आधार वर्ष माना जाए। लोगों का कहना था कि पार्षदों और जनता की मांग के बावजूद अगर नगर निगम ने अपना निर्णय नहीं बदला तो बड़े पैमाने पर शहर में आंदोलन को मजबूर होंगे।

क्या है पूरा प्रकरण

नगर निगम ने शहर के 40 हजार ऐसे भवनों को चिह्नित किया है जो कमर्शियल हैं, लेकिन वह नॉन कमर्शियल के तौर पर गृहकर जमा कर रहे थे। इन सभी भवनों के स्वामियों को वर्ष 2019 में बढ़ाई गई गृहकर की दरों को वर्ष 2014 से जमा करने के लिए नगर निगम की ओर से कहा गया है। जबकि भवन स्वामियों का कहना है कि जब इस संबंध में निर्णय वर्ष 2019 में लिया गया तो वह गृहकर की बढ़ी हुई दर वर्ष 2014 से क्यों दें।

फरमान को वापस लिया जाए

सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल और समाजसेवी विजय कपूर के नेतृत्व में बुधवार को लोग एकत्र हुए। लोगों ने कहा कि जो निर्णय नगर निगम द्वारा लिया गया है कहीं से भी वह न्यायसंगत नहीं है। उनका कहना है कि जब गृहकर बढ़ाया जाता है तो उसी के आधार पर जलकर में भी वृद्धि होती है। इस दोहरी मार को झेलने में आम जनता अपने आप को असमर्थ पा रही है। लगातार गृहकर जमा करने के बाद भी वर्ष 2014 से बढ़े हुए दर पर गृहकर जमा करने का फरमान आने से भवन मालिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठान के अधिष्ठाता परेशान हैं।

इस दौरान डॉ। मनोज यादव, नंदकुमार टोपी वाले, राजन सोनी, पंकज पाठक, राजेश श्रीवास्तव, अनिल केशरी ने कहा कि नए नगर आयुक्त से हमारी मांग है कि वह कोरोना काल में मंदी की मार झेल रहे आमजन की दयनीय हालत पर विचार करें। गृहकर की बढ़ाई गई दरों को वर्ष 2014 से लागू करने संबंधी फरमान को वापस लिया जाए। इसके अलावा जिस भी भवन स्वामी ने वर्ष 2014 से गृहकर की बढ़ी हुई दर जमा कर दी है, उसे आगे जमा की जाने वाली राशि में एडजस्ट कर लें।