-गोरीडीह रेलवे क्रॉसिंग पर एक साल से है गेट मित्र की तैनाती, प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटना के वक्त गेट पर नहीं था

--DRM ने हादसे की जांच का दिया आदेश, जून तक बन जाएगा सब वे

VARANASI

एनईआर के वाराणसी-इलाहाबाद रूट पर स्थित गोरीडीह रेलवे फाटक पर तैनात रेल मित्र यदि ड्यूटी पर रहता तो ट्रेन की चपेट में आने वाले कार सवार पांच लोगों की जान नहीं जाती। गेट पर किसी के न रहने के चलते ही वाहन सवार बेधड़क क्रॉसिंग पार कर रहे थे और हादसा हो गया। दरअसल, गोरीडीह रेलवे क्रॉसिंग पर करीब एक साल से उसी गांव के दिनेश यादव को बतौर रेल मित्र तैनात किया गया है। उधर एक्सिडेंट के बाद मौके पर पहुंचे डीआरएम वाराणसी डिवीजन एसके झा ने पूरे घटनाक्रम की जांच का आदेश दिया। साथ ही क्रॉसिंग पर जून ख्0क्7 तक बनाने का संबंधित ऑफिसर्स को निर्देश दिया।

जुटे गला बचाने में

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना रहा कि जब एक्सिडेंट हुआ उस समय गेट पर कोई नहीं था। बताया कि रेल मित्र अक्सर क्रॉसिंग पर नहीं रहता था। जबकि रेल मित्र को क्रॉसिंग पर लगाने के लिए लाल झंडा, कुर्सी व जंजीर मुहैया कराया जाता है। वैसे आरपीएफ के एएसआई नरेंद्र कुमार के मुताबिक रेल मित्र दिनेश यादव को करीब एक साल से नियुक्त किया गया है। वह शनिवार को एक्सिडेंट के समय गेट पर तैनात था। उसने वाहन सवारों को रोकने का काफी प्रयास भी किया था। लेकिन कार सवार उसकी अनदेखी कर ट्रैक पर बढ़ते चले गए। शायद उसकी बात मान गए होते तो ऐसी घटना न होती।

जीआरपी व आरपीएफ के जवान करते रहे भ्रमण

गोरीडीह रेलवे क्रॉसिंग पर हुई घटना के बाद जीआरपी व आरपीएफ के एएसआई अपनी टीम के साथ रात भर भ्रमण करते रहे। रविवार को भी दोनों इंचार्जो ने घटना स्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल किया। उधर रेल मित्र भी ट्रेनों के आवागमन के समय मुस्तैद दिखा।

आंखों से छलके आंसू

गोरीडीह रेलवे क्रॉसिंग पर हुए एक्सिडेंट ने लास्ट ईयर जुलाई में कैयरमऊ रेलवे क्रॉसिंग पर हुए हादसे में मारे गए बच्चों के घटना की याद को ताजा दिया। बच्चों के परिजनों के आंखों से आंसू छलक उठे। बताते चलें कि कैयरमऊ रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन से टकराए स्कूल वाहन में सवार कैयरमऊ, मेघीपुर व एक अन्य गांव के कुल आठ बच्चों की मौत हो गयी थी। इस घटना ने उस घटना से पीडि़त परिवारों के जख्म को हरा कर दिया।