-रेलवे ने रनिंग स्टाफ को ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन बंद रखने का दिया निर्देश

-केवल वॉकी टॉकी पर ही कर सकेंगे बात, अनदेखी पर होगी कार्रवाई

-पुखरायां रेल एक्सिडेंट के बाद हेडक्वार्टर की खुली नींद

VARANASI

देर से ही सही रेलवे की नींद टूट गयी है। अब चलती ट्रेन में मोबाइल फोन का उपयोग गार्ड, लोको पायलट समेत रनिंग स्टाफ को महंगा पड़ेगा। उन्हें बातचीत के साथ सोशल मीडिया पर अपडेट व चैटिंग का मोह छोड़ सेलफोन स्विच ऑफ रखना होगा। मोबाइल यूज करते हुए पकड़े जाने पर रनिंग स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही नौकरी भी संकट में आ जाएगी। इससे रिलेटेड नोटिफिकेशन रेलवे हेडक्वार्टर की ओर से जारी होते ही सभी डिवीजन में इसे लागू कर दिया गया है।

सिर्फ वॉकी-टॉकी रहेगा ऑन

पिछले हफ्ते कानपुर के पुखरायां में इंदौर-पटना (राजेंद्र नगर) रेल एक्सिडेंट में क्ख्भ् से अधिक लोगों की मौत और बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने के बाद जागे रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने तत्काल मोबाइल फोन पर रोक लगा दी है। रेलवे ने सेफ्टी के रूल्स का हवाला देते हुए इसे सख्ती से लागू करने की दिशा में कदम भी बढ़ा दिया है। इस दौरान स्टाफ को वॉकी-टॉकी पर निरंतर बने रहने और हर तरह की सूचनाओं का पल-पल आदान-प्रदान करते रहने का निर्देश दिया गया है। दरअसल ट्रेन ऑपरेशन के दौरान आगे व पीछे के स्टेशन लगातार वॉकी-टॉकी से रनिंग स्टाफ के संपर्क में रहते हैं। ऐसे में इसको एक्टिव रखना है।

मोबाइल फोन पड़ रहा भारी

दरअसल मोबाइल फोन यूज करते रहने से लोको पायलट व गार्ड की एकाग्रता तो भंग होती ही है किसी तरह की ट्रेन में गड़बड़ी की ओर ध्यान नहीं जाता है। इससे अक्सर एक्सिडेंट की आशंका बनी रहती है। पहले भी दुर्घटनाओं के बाद इस तरह के निर्देश जारी किए जाते रहे हैं, लेकिन प्रॉपर चेक प्वॉइंट न होने से यह लापरवाही जारी रही। सोर्सेस के अनुसार इसे भी इंदौर-पटना एक्सप्रेस एक्सिडेंट में बड़ी वजह माना जा रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि अभी जांच पूरी होने के बाद ही हो पाएगी। ऐसे में इस प्वॉइंट पर विशेष ध्यान देते हुए रेलवे रनिंग स्टाफ का मोबाइल फोन ड्यूटी के दौरान चेक करने सहित इसपर रोक लगाने के लिए अन्य इंतजाम करने की तैयारी में है। इसका सीधा मकसद ट्रेन एक्सिडेंट को कम करना है।