जीआरपी को आशंका, यहां हो सकते हैं जहरखुरान

-ट्रेन्स व रेलवे स्टेशंस पर क्राइम की बढ़ रही घटनाओं को रोकने के लिए जीआरपी ने नया प्लान किया इजाद

-कैंट स्टेशन से लगायत अन्य सभी रेलवे स्टेशंस के आसपास झुग्गियों में रहने वालों तैयार की जा रही है लिस्ट

-जहरखुरानों व बेहद खतरनाक अपराधियों के भी रहने की है आशंका

-इनकी क्रिमिनल्स एक्टिविटी में लिप्त होने की सूचना पर चल रहा कैंपेन

VARANASI

ट्रेन्स व रेलवे स्टेशंस पर क्राइम की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। जहरखुरानी, स्नेचिंग व चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लेकिन इनको अंजाम देने वाले जीआरपी के हत्थे नहीं चढ़ पाते हैं, वे आसानी से निकल भागते हैं। अब जीआरपी ने इन घटनाओं को न होने देने के लिए नया प्लान इजाद किया है। कैंट स्टेशन से लगायत जिले में अन्य सभी रेलवे स्टेशंस के आसपास बनी झुग्गियों में रहने वालों की लिस्ट तैयार की जा रही है। ताकि इनमें रह रहे लोगों का एक डेटाबेस तैयार किया जा सके। इन झुग्गियों में जहरखुरानों व बेहद खतरनाक अपराधियों के भी रहने की आशंका है। इसीलिए जीआरपी ने अब इन झुग्गियों में भी तलाशी लेनी शुरू कर दी है।

एक-एक का दर्ज हो रहा रिकॉर्ड

जीआरपी हेडक्वार्टर से निर्देश मिलने के बाद से ही कैंट स्टेशन पोस्ट एरिया के झुग्गी झोपडि़यों में रहने वालों की लिस्ट बनाई जा रही है। इंस्पेक्टर जेपी सिंह के नेतृत्व में टीम कैंट स्टेशन के आसपास सहित मंडुआडीह, लोहता स्टेशन परिसर में भी अनाधिकृत व किनारे रहने वालों की डिटेल जुटा रही है। इस दौरान प्रत्येक झोपड़ी में एक-एक मेंबर की जांच पड़ताल की जा रही है। ताकि कोई छूट न पाए। सभी की डिटेल को बाकायदा रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। इससे इन झोपडि़यों में रहने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।

चोर से क्रिमिनल्स तक

जीआरपी को इंटेलिजेंस ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें इन झुग्गी झोपडि़यों को चोर से लेकर शातिर क्रिमिनल्स तक का शरणगाह बताया गया है। इसको आधार बनाकर जीआरपी इनको खंगाल रही है। इसका ही परिणाम है कि टीम एक झोपड़ी से दूसरी झोपड़ी का चक्कर काट रही है। इन झोपड़ी झुग्गियों में रहने वालों का नाम, पता सहित अन्य इंफॉर्मेशन दर्ज की जा रही है। यहां तक कि महिलाओं और बच्चों की भी जानकारी जुटायी जा रही है। जीआरपी के मुताबिक कई घटनाओं में इनका भी रोल होता है।

वर्जन

कैंट स्टेशन के साथ ही इससे जुड़े अन्य रेलवे स्टेशन कैंपस व आसपास झोपड़ी-झुग्गी में रहने वालों की डिटेल तैयार की जा रही है। ट्रेन्स व स्टेशंस पर बढ़ती क्राइम को घटनाओं को देखते हुए इन पर नजर भी रखी जा रही है।

जेपी सिंह, इंस्पेक्टर

कैंट स्टेशन

इसलिए हाथ मलती है जीआरपी

चलती ट्रेन्स व रेलवे स्टेशन पर क्राइम की घटनाओं को अंजाम देने के बाद क्रिमिनल्स अचानक गायब हो जाते हैं। इसका पता जीआरपी भी नहीं लगा पाती है। जब मामला शांत हो जाता है तो फिर से ये अपराधी दूसरे रूट पर घटना को अंजाम देते हैं। इसके पीछे स्टेशन के आसपास की झुग्गियां हैं। इन जगहों पर क्रिमिनल्स आसानी से घटना को अंजाम देने के बाद छिप जाते हैं। और जीआरपी के तेज तर्रार जवान भी हाथ मलते रह जाते हैं। उनको भनक तक नहीं लग पाती।

डेली दो से तीन घटनाएं

अकेले कैंट स्टेशन जीआरपी पोस्ट एरिया के अंतर्गत डेली कोई न कोई घटना होती रहती है। इसमें चोर पैसेंजर्स का सामान गायब कर देते हैं तो कहीं जहरखुरानी हो जाती है। थाने में आने वाली सूचनाओं पर नजर डालें तो दो से तीन घटनाएं डेली होती हैं। इसमें से अधिकतर में क्रिमिनल्स का पता नहीं चल पाता है। वे डिटेक्ट तक नहीं हो पाते हैं। वहीं कुछ घटनाओं में क्रिमिनल्स का पता चल पाता है, पर वह पकड़ में नहीं आते हैं।

चोर ने कर्मचारी पर कर दिया हमला

कैंट स्टेशन पर चोरों के आतंक का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बीते 25 जनवरी को चोरी कर रहे एक चोर ने टोकने पर कर्मचारी पर हमला कर दिया। जिससे वह घायल हो गया। उसे एनईआर हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा। कर्मचारी के मुताबिक चोर पार्सल पैकेट से सामान चुरा रहा था तभी उस पर नजर पड़ गयी। उसने चोर को टोक दिया। इस पर उसने ब्लेड से कर्मचारी पर हमला कर दिया।