-कैंट स्टेशन सहित अन्य रेलवे स्टेशन पर चल रहे डेवलपमेंट वर्क पर लगा ब्रेक

-500 व 1000 का नोट बंद होने से कांट्रैक्टर बेबस, काम में लगे लेबर व बिल्डिंग मैटीरियल सप्लायर को नहीं कर पा रहे पेमेंट

-पैसा न मिलने से लेबर ने काम करने से खड़ा किया हाथ

-कई वर्क के समय से पूरा हो पाने पर लगा ग्रहण

VARANASI

सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से भ्00 व क्000 रुपये के नोटों पर लगाम लगाने का असर रेलवे के डेवलपमेंट वर्क पर भी पड़ने लगा है। बड़े नोट पर लगे बैन के बाद कैंट रेलवे स्टेशन सहित सिटी के अन्य स्टेशंस पर चल रहा डेवलपमेंट वर्क ठप हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांट्रैक्टर की ओर से वर्क में लगे लेबर को प्रॉपर मजदूरी का पेमेंट नहीं किया जा रहा है इस कारण लेबर्स ने काम करने से हाथ खड़ा कर दिया है। साथ ही कैश की क्राइसिस के चलते बिल्डिंग मैटीरियल का भी प्रबंध नहीं हो पा रहा है। ऐसे में स्टेशंस पर चल रहे इन डेवलपमेंट वर्क के समय से पूरा होने पर ग्रहण लग गया है।

काम की बढ़ गयी थी रफ्तार

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में चल रहे अपने कामों की रेलवे लगातार मॉनीटरिंग कर रहा है। वर्क अपने समय पर कम्प्लीट हो इसके लिए डिपार्टमेंट व संबंधित एजेंसी कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में नॉर्दन रेलवे हेडक्वार्टर से बनारस कैंट स्टेशन पर चल रहे डेवलपमेंट वर्क को तेज गति से कराने का निर्देश भी पिछले दिनों दिया गया था। इसका जायजा लेने के लिए जीएम एके पुठिया हाल ही में बनारस कैंट स्टेशन पहुंचे थे। इस दौरान इन्होंने न सिर्फ ऑफिसर्स संग मीटिंग कर चल रहे वर्क का स्टेटस जाना बल्कि उनका इंस्पेक्शन भी किया। जिसके बाद वर्क में तेजी आ गयी थी। इस बीच क्000 और भ्00 के नोटों पर बैन लग जाने के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गयी। नाम न लिखने की शर्त पर एक कांट्रैक्टर ने बताया कि उनके पास पुराने बड़े नोट हैं जो चलन से बाहर हो गए हैं। मैटीरियल सप्लाई करने वाले व लेबर इन नोटों को लेने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके चलते कैंट स्टेशन पर चल रहे डेवलपमेंट वर्क को बंद कर दिया गया है। आगे रुपयों का प्रबंध होने पर वर्क को स्टार्ट कराया जाएगा।

इनका भी बुरा हाल

सेम हाल मंडुआडीह व सिटी स्टेशन पर भी चल रहे डेवलपमेंट वर्क का भी है। नोटबंदी के चलते यहां भी कांट्रैक्टर ने काम ठप कर दिया है। डेवलपमेंट वर्क को पूरा करने में लगे लेबर पैसे न मिलने से अपने घर चले गए हैं। वहीं कंस्ट्रक्शन वर्क में लगने वाले मैटीरियल व आइटम की सप्लाई करने वाले सप्लायर ने भी पेमेंट के अभाव में हाथ खींच लिया है। इससे कांट्रैक्टर चाहते हुए भी काम नहीं करा पा रहे हैं।

इन वर्क पर लगा ब्रेक

-कैंट स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया की री-मॉडलिंग

-टूरिस्ट वेटिंग हॉल

-पैसेंजर्स वेटिंग हॉल

-यार्ड री-मॉडलिंग

-कैंटोन्मेंट एरिया का डेवलपमेंट

-मंडुआडीह सेकेंड एंट्री का वर्क

-स्टेशन के विस्तार का काम

-मंडुआडीह स्टेशन पर सुंदरीकरण

-सिटी स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने का वर्क

-रिमोट स्टेशन का डेवलपमेंट

-पैसेंजर्स अमेनटीज के लिए चल रहा वर्क भी हुआ ठप