वाराणसी (ब्यूरो)सम्पूर्णांनंद संस्कृत विश्वविद्यालय में जल्द ही अयोध्या की तर्ज पर श्री रामचरित मानस की चौपाइयों के शोध के लिए रामायण शोध पीठ का गठन होगाइसके लिए कवायद तेज कर दी गयी हैशोध पीठ में चौपाइयों के शोध के साथ ही इसे पाठ्यक्रम में भी लागू किया जाएगाइसके हो जाने से देश ही नहीं विदेशों में रहने वाले लोगों को आसानी से चौपाइयों के बारे में जान सकेंगे.

भारतीय भाषाओं को मिलेगा बढ़ावा

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोहरेराम त्रिपाठी ने बताया कि नयी शिक्षा नीति के तहत भारतीय भाषाओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ बढ़ावा दे रहे हैं और उनके संवर्धन के लिए लगातार कार्य कर रहे हैंइसको देखते हुए सम्पूपर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में रामायण शोध पीठ बनेगाइसके लिए तेजी से खाका खींचा जा रहा है

अयोध्या की तर्ज पर बनेगा शोधपीठ

योगी सरकार अयोध्या में वृहद रूप से रामायण शोधपीठ का खाका खींच चुकी हैउसी की तर्ज पर सम्पूर्णांनंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भी रामायण शोध पीठ का गठन होगाशोधपीठ बन जाने के बाद वहां का सारा सिस्टम को हाईटेक कर दिया जाएगाएक-एक चौपाइयों शोध किया जाएगाअयोध्या और सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय सीधे कनेक्ट होंगे

रामायण का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद

कुलपति ने बताया कि शोधपीठ के लिए पयर्टन मंत्री से भी बात हो चुकी हैउनकी भी हरी झंडी मिल चुकी हैशोधपीठ में रामायण और श्री रामचरित मानस की चौपाइयों पर रिसर्च के अलावा भारत में जितनी भी भाषा में रामायण और श्री रामचरित मानस की चौपाइयां है सभी का क्रिटिक एडिशन, क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद किया जाएगाइसके लिए टीम भी रखी जाएगी जो अनुवाद का काम करेंगेचौपाइयों का अनेकों अर्थ हैइसे समाज को जोडऩे और सामाजिक समरसता के लिए बनाया गया हैइसलिए इसको देखते हुए इन पर शोध किया जाएगा.

रामायण काल का भी होगा रिसर्च

कुलपति की मानें तो रामायण काल के समय कैसा माहौल था इस पर शोध किया जाएगाउस समय समाज की योजना कैसी थी, पर्यावरण, नदी, वन-वृक्ष का क्या महत्व था, कहां-कहां पर थे, सभी लोग उनका कैसे सम्मान करते थे उस पर भी रिसर्च किया जाएगाइसके लिए अलग सेे टीम का भी रखा जाएगाउन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की सोच है कि रामायणकाल में जब हमारा राष्ट्र उन्नत था उस पर रिसर्च कर उसमे नयापन जोड़ कर समाज को परिचित कराएंगेसभी को इससे जोडऩे के लिए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में डिप्लोमा कोर्स भी चलाया जाएगाकोर्स में रामायण काल के बारे में जानकारी दी जाएगी

ऑनलाइन चलेगा पाठयक्रम

रामायण को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगाइसके लिए एसोसिएट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर और चार असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया हैपाठयक्रम पर चलेेंगे तो इससे काफी छात्र जुड़ेंगे

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अयोध्या की तर्ज पर रामायण शोध पीठ बनाया जाएगातुलसीदास की चौपाइयों पर शोध किया जाएगा और पाठयक्रम में भी शामिल किया जाएगा.

प्रोहरेराम त्रिपाठी, कुलपति