- 22 सितंबर को पिछले साल संतो पर हुए लाठी चार्ज के विरोध में काला दिवस संत मनायेंगे मठों में, नहीं जायेंगे गोदौलिया चौराहा

- प्रशासन संतों को मनाने में हुआ कामयाब

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोदौलिया चौराहे पर पिछले साल साधु-संतों व बटुकों पर हुए लाठी चार्ज और बर्बरता पूर्ण व्यवहार को साल भर पूरे होने पर विरोध स्वरूप गोदौलिया चौराहे पर 22 सितंबर को काला दिवस मनाने पर अड़े धर्मगुरुओं की मान-मनौव्वल में प्रशासन को का शुक्रवार को बड़ी कामयाबी मिली है। डीएम विजय किरन आनंद ने पातालपुरी मठ (ईश्वरगंगी) के महंत बालक दास से उनके मठ में जाकर मुलाकात की। उन्होंने कानून-व्यवस्था के मद्देनजर उक्त तिथि को गोदौलिया चौराहे की बजाय मठ-मंदिर परिसर में काला दिवस मनाने की गुजारिश महंत ने स्वीकार कर ली है। जिला प्रशासन ने 22 सितंबर को गोदौलिया चौराहे पर समूह में खड़े होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं डीएम संग एसएसपी आकाश कुलहरि की अपील पर महंत बालक दास की अगुवाई में संत समाज की 17 सितंबर को बैठक में सहमति से फैसला लेने की रणनीति बनी है।

खुराफातियों पर सीधे रासुका

डीएम ने स्पष्ट किया कि कानून- व्यवस्था के मद्देनजर महंत बालक दास से अनुरोध किया गया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। संत-महंत अपने मठ-मंदिर में ही काला दिवस मनाएंगे। उनके विरोध का ज्ञापन पत्र लेने को अपर नगर मजिस्ट्रेट खुद उनके पास जाएंगे। ऐसे में साधु- संतों की आड़ में काला दिवस मनाने और कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों से जिला प्रशासन सख्ती के साथ निबटेगा। रासुका लगाने से भी कोई गुरेज नहीं रहेगा।