- वसंत पंचमी को लेकर तैयारियां हुई पूरी, देर रात पंडालों में विराज की गई मां

- कुछ स्कूलों, कोचिंग सेंटर्स और घरों में शुक्रवार को ही मनाई गई वसंत पंचमी

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना के पर्व वसंत पंचमी को लेकर शहर में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। दुकानों से लेकर पंडालों तक में शुक्रवार को पूरा दिन मां के स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चलती रही। देर रात पूजा पंडालों से लेकर घरों और कोचिंग संस्थानों के अलावा स्कूलों और कॉलेजों में मां की प्रतिमाएं पहुंच गई थीं। बस अब इंतजार है तो मां को को अनुष्ठान के जरिए बुलाने का।

कहीं पूजी गई शुक्रवार को

पंचमी तिथि को लेकर कंफ्यूजन के कारण कई जगहों पर शुक्रवार को भी वसंत पंचमी मनाई गई। घरों में भी छात्रों ने मां सरस्वती का आह्वान कर उनकी पूजा की। वहीं उदयातिथि का मान शनिवार को होने के कारण अधिकतर लोग इसी दिन वसंत पंचमी मनाने की तैयारी में जुटे रहे। नदेसर स्थित बड़े पूजा पंडाल में देर रात मां सरस्वती की भव्य प्रतिमा को लाकर रख दिया गया। इसके अलावा लक्सा से लेकर मंडुवाडीह, डीएलडब्लू, चेतगंज और कई इलाकों में मां की प्रतिमा और पूजा सामग्री लेने वालों की भीड़ देर रात तक दुकानों पर जुटी रही। आम दिनों में एक- दो रुपये में बिकने वाले गेंदे की माला वसंत पंचमी के कारण 20 से 25 रुपये में बिकी।

पूरा दिन कर सकते हैं पूजा

पंडित चक्रपाणि भट्ट के मुताबिक वसंत पंचमी पर नक्षत्रों का योग अति शुभकारी है। पहली बार पंचमी पर भद्रा का साया नहीं है। जिसके कारण इस दिन मां की पूजा की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगे। चूंकि इस बार पंचमी तिथि को लेकर संशय था और लेकिन उदयातिथि का मान शनिवार को ही है। इसलिए शनिवार को पूरा दिन पूजा किया जा सकता है लेकिन शनिवार को 10 बजकर 20 मिनट तक ही पंचमी तिथि मिल रही है। इसलिए अगर इस दौरान ही मां की आराधना हो तो बेहतर फल मिलेगा।