- सावन के पहले सोमवार पर लगभग दो लाख श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में टेका मत्था

- देररात से ही लगी कांवरियों की कतार, मंगला आरती के बाद दर्शन को उमड़ा हुजूम

- काशी के अन्य 11 मंदिरों पर भी उमड़े श्रद्धालु

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सावन के पहले सोमवार पर काशी का कंकर-कंकर शिवमय हो उठा। काशी के भोले भक्तों के अलावा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और कांवरियों ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में शीश नवाया। रविवार की देररात से बंधी कतार 24 घंटे बाद भी टूटती दिखाई नहीं पड़ी। इस दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान भी पूरी मुस्तैदी से मोर्चा संभाले रहे। अधिकारी भी पूरे दिन अलग-अलग प्वाइंटों पर चक्रमण करते रहे।

दो लाख श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी

सावन के पहले सोमवार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लगभग दो लाख श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई। दिन के वक्त कतारें गिरजाघर चौराहे से आगे तक पहुंच गई थीं। ज्ञानवापी कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, दोपहर 12 बजे तक 50 हजार और ढाई बजे तक एक लाख लोग मंदिर में दर्शन कर चुके थे। शाम पांच बजे तक डेढ़ लाख लोगों की हाजिरी लग चुकी थी। रात दस बजे तक कतारें थोड़ी छोटी हुई मगर दर्शन का सिलसिला जारी था।

रेड कारपेट से पहुंचे बाबा दरबार

जैसा कि तैयारियों के दौरान अफसरों ने कहा था श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के मार्ग पर रेड कारपेट बिछवाई गई थी। गोदौलिया तक श्रद्धालु और कांवड़ लेकर आए युवा इस रेड कारपेट पर चलकर बाबा दरबार पहुंचे। देररात से कतारों में लगे श्रद्धालु लगभग आठ घंटे तक इंतजार कर मंगला आरती के बाद दर्शन करने पहुंचे। सुरक्षा जांच के बाद गर्भगृह के पास पहुंचते ही सभी के चेहरे खिल जा रहे थे। भोर में मंगला आरती में 400 विशिष्ट लोग मौजूद थे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह सपत्‍‌नीक पहुंचे थे। भोर में 3.40 पर आरती संपन्न हुई और 3.47 बजे मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए।

दिव्यांगों के लिए अलग इंतजाम

मंदिर पहुंचने के लिए एक लाइन नीचीबाग चौक से छत्ताद्वार के लिए लगी थी तो दूसरी कतार गिरजाघर से दशाश्वमेध होते हुए ज्ञानवापी की थी। दर्शन के बाद गेट नंबर-2 सरस्वती फाटक से श्रद्धालुओं को बाहर किया जा रहा था। दिव्यांग और बुजुर्ग दर्शनार्थियों के लिए गेट नंबर-1 ढुंढीराज गणेश से मंदिर जाने की व्यवस्था की गई थी। एक दर्जन डाक बम ने भी बाबा दरबार में हाजिरी लगाई।

यादव बंधुओं ने किया जलाभिषेक

सुबह नौ बजे यादव बंधुओं का हुजूम गंगाजल और दूध लेकर बाबा दरबार में पहुंचा। इस दौरान आम दर्शनार्थियों का प्रवेश रोक दिया गया। इन्हें ढुंढीराज गणेश गेट से प्रवेश दिया गया। दर्शन के बाद नीलकंठ प्वाइंट से श्रृंगार गौरी के जलाभिषेक जाने को लेकर यादव बंधुओं की फोर्स से हल्की तकरार भी हुई मगर उन्हें वहां से हटा दिया गया। चंद्रवंशी गोप सेवा समिति की तरफ से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि बाबा विश्वनाथ समेत नौ शिवालयों में सोमवार को जलाभिषेक किया गया।

तोड़ा लाइन पहुंचे पीछे

भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट खुलते ही उत्साहित कांवरियों में धक्का-मुक्की मच गई। कुछ लोगों ने कतार तोड़कर आगे जाने की कोशिश भी की। हालांकि मौके पर मौजूद आरएएफ के जवानों ने सभी को रोककर कतार में सबसे पीछे भेज दिया। इस बात का ख्याल रखा गया कि इस दौरान किसी से बदसलूकी न हो।

सजाया गया बाबा का दरबार

सावन के पहले सोमवार के मद्देनजर बाबा दरबार को फूल-मालाओं और सुगंधित फूलों से सजाया गया था। बाहरी दरबार पर भगवान शिव और पार्वती के चित्र लगे थे। श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा, पेयजल और साफ-सफाई के भी इंतजाम किए गए थे। जिले में मारकण्डेय महादेव, कर्दमेश्वर महादेव, श्री गौरी केदारेश्वर, शूलटंकेश्वर, मृत्युंजय महादेव समेत अन्य मंदिरों में भी फोर्स की पूरी व्यवस्था की गई थी।

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बेहोश हुए इंस्पेक्टर दशाश्वमेध

रविवार की देररात ललिता घाट पर अप्रिय स्थिति उत्पन्न हुई जब ड्यूटी कर रहे इंस्पेक्टर दशाश्वमेध राघवेंद्र त्रिपाठी बेहोश हो गए। अचानक उनका शरीर अकड़ने लगा और मुंह से झाग निकलने लगा। हमराहियों ने उन्हें थाने पर आराम करने पहुंचाया। कुछ देर बाद उनकी तबीयत दोबारा बिगड़ गई। इसके बाद सीओ दशाश्वमेध स्नेहा तिवारी ने उन्हें ट्रामा सेंटर भिजवाया। सुबह डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी भी उन्हें देखने पहुंचे। डॉक्टरों का कहना है कि इंस्पेक्टर ब्रेन स्ट्रोक का अटैक है।