सिर्फ स्कॉलरशिप पाने के लिए स्टूडेंट्स कई यूनिवर्सिटीज व कॉलेजेज में ले रहे एडमिशन

अकाउंट में स्कॉलरशिप की मनी पहुंचते ही भूल जा रहे एग्जाम देना

VARANASI

यूनिवर्सिटीज व डिग्री कॉलेजेज में सिर्फ स्कॉलरशिप के लिए एडमिशन लेने का खेल चल रहा है। दरअसल स्टूडेंट्स लाभ पाने के लिए कई-कई संस्थाओं में एडमिशन ले ले रहे हैं। जहां उन्हें आसानी से स्कॉलरशिप मिल जा रही है। यह सिलसिला इधर कई सालों से बेरोकटोक चल रहा है लेकिन इस पर किसी की नजर नहीं है। अकेले महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में हुए एडमिशन की जांच कराई जाए तो सैकड़ों स्टूडेंट्स इसके घेरे में आ फंसेंगे।

ऐसे चल रहा खेल

आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स के लिए सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट फीस रिम्बर्समेंट व स्कॉलरशिप दे रही है। जबकि कुछ स्टूडेंट्स इसका मिसयूज कर रहे हैं। वह फीस रिम्बर्समेंट व स्कॉलरशिप के फेर में कई इंस्टीट्यूट में एक साथ एडमिशन ले ले रहे हैं। ऐसे स्टूडेंट्स लाखों रुपये का गवर्नमेंट को चूना लगा चुके हैं। लास्ट ईयर यह मामला शासन की जानकारी में आया था। जिसके बाद गवर्नमेंट ने स्कॉलरशिप के लिए आवेदन ऑनलाइन कर दिया है। इसके बाद भी स्कॉलरशिप के लिए फर्जीगिरी जारी है। कई ऐसे स्टूडेंट्स हैं जो हर साल नए-नए कोर्सेज में एडमिशन ले रहे हैं। स्कॉलरशिप का अमाउंट बैंक अकाउंट में पहुंच जाने के बाद वह एग्जाम में भी अपीयर नहीं हो रहे हैं। इससे साफ है कि वह पढ़ने के लिए नहीं सिर्फ स्कॉलरशिप के लिए ही एडमिशन ले रहे हैं।

कई कोर्स निशाने पर

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कई कोर्सेज ऐसे हैं जिनमें बहुत आसानी से एडमिशन हो जाता है। इनमें से एक है एमए एनजीओ व गांधी अध्ययन। इन कोर्सेज में सेशन ख्0क्ब्-क्भ् में अकेले एनजीओ में करीब ब्0 स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया। जबकि एग्जाम में मात्र नौ स्टूडेंट्स अपीयर हुए। यह तो मात्र उदाहरण भर है। ऐसे कई और कोर्सेज हैं जिनमें स्टूडेंट्स एडमिशन लेने के बाद पढ़ना भूल जा रहे हैं। कारण कि उनको पढ़ना नहीं सिर्फ स्कॉलरशिप पाना ही मकसद है।