-परिषदीय स्कूल्स में भी दिख रहा नोटबंदी का असर, कई स्कूल्स में बच्चों नहीं बंट रहा दूध व फल

-सिटी व रूरल एरिया के अधिकतर स्कूल्स का है यह हाल, बच्चे बेहाल

VARANASI

सूबे की सरकार की ओर से परिषदीय स्कूल्स के बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सप्ताह में एक दिन दूध और फल मुहैया कराया जा रहा है। ताकि बच्चे तंदरुस्त भी बने रहे और उनका स्कूल से मोहभंग भी न हो। लेकिन नोटबंदी का ऐसा असर हुआ है कि यहां बच्चों को पिछले एक सप्ताह से न तो दूध मिल रहा और न ही केला। सिटी सहित रूरल एरिया के अधिकतर स्कूल्स में मिड डे मिल के तहत मिलने वाले दूध व फल में कमी आ गई है। रूरल एरिया के बहुत से स्कूल्स में दूध की कमी तो जैसे-तैसे पूरी कर ली जा रही है लेकिन फल का बिल्कुल अकाल पड़ गया है, जो लोग स्कूल्स में फल उपलब्ध कराते थे वह भी अब छोटे नोट के अभाव में आवक ठप होने का हवाला देकर सप्लाई करने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं।

सोम को दूध, बुध को फल

सेशन शुरू होने के साथ ही बच्चों को डेली एमडीएम देने का आदेश है। जिसमें सोमवार को दूध तो बुधवार को सीजनली फ्रूट देना होता है। फ्रूट्स में सेब, केला, अमरूद, आम, नासपाती व संतरा में से कोई एक फल मौसम के अनुसार देने को कहा गया है। जबकि प्रति एक बच्चे पर सौ मिली दूध देना है। लेकिन नोटबंदी का ऐसा खेला हुआ कि इस समय रूरल एरिया के कुछ स्कूल्स में तो किसी तरह दूध बंट भी जा रहा है लेकिन सिटी एरिया के स्कूल्स में तो बिल्कुल ठप है। यहां दूध तो दूध, फल भी बच्चों को इधर बीच नहीं दिया जा रहा है।

कढ़ी बनना भी बंद

मिड डे मील के मेन्यू में बुधवार को स्कूल्स में बनने वाले कढ़ी व चावल के लिए क्0 लीटर दूध की दही भी खरीदनी पड़ती है। नोटबंदी के बाद से तो दस लीटर दूध की खपत को देखते हुए कढ़ी भी बनना बंद हो गया है। रूरल एरिया में फ्भ् से ब्भ् रुपये लीटर दूध बिक रहा है तो सिटी में भ्0 से 70 रुपये लीटर तक दूध सेल किया जा रहा है।

इतने हैं स्कूल्स

-क्0क्फ् प्राथमिक

-फ्भ्फ् उच्च प्राथमिक

-7भ् अनुदानित जूनियर हाईस्कूल, -क्क्0 डीआईओएस के अधीन विद्यालय

-ख्0 मदरसों के बच्चे

-इन सभी स्कूल्स में क्,क्ब्,क्ब्7 छात्राएं व क्,क्ख्,908 छात्र हैं।

दूध व फल की जिम्मेदारी तो प्रधान व सभासद के जिम्मे होती है। स्कूल्स में एमडीएम बंट रहा है, कुछ स्कूल्स में नोटबंदी के चलते क्राइसिस जरूर है लेकिन दूध व फल बंट रहा है।

जय करन यादव

बीएसए