वाराणसी (ब्यूरो)। प्रदेश में चल रहे मिशन शक्ति अभियान के तहत इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। चाइल्ड लाइन ने डेढ़ माह के भीतर यह दूसरा बाल विवाह रुकवाया है। इसके पहले 21 सितम्बर को चाइल्ड लाइन ने दुर्गाकुंड में बाल विवाह रुकवाया था।

हेल्पलाइन नम्बर पर सूचना दी
चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नम्बर-1098 पर शुक्रवार को किसी ने सूचना दी कि चोलापुर के कैथोर गांव की रहने वाली 15 वर्षीया किशोरी का बाल विवाह हो रहा है। सूचना मिलते ही चाइल्ड लाइन के निदेशक मंजू मैथ्यू ने जिला बाल कल्याण अधिकारी निरूपमा सिंह से संपर्क किया। इसके बाद चाइल्ड लाइन व जिला बाल संरक्षण इकाई की एक टीम चोलापुर पुलिस को साथ लेकर कैथोर गांव पहुंची। इस टीम में आजाद, रामप्रताप व बाल संरक्षण इकाई के रामकिसुन शामिल थे। यह टीम जब पुलिस के साथ वहां पहुंची, तब पता चला कि किशोरी की शादी के लिए पूरा परिवार चंदवक (जौनपुर) क्षेत्र में नदी के किनारे स्थित बैरहवां बाबा मंदिर गया हुआ है। यह जानकारी मिलते ही टीम उक्त मंदिर पर पहुंची। टीम देख दूल्हा और बाराती वहां से भाग निकले। किशोरी और उसके परिजनों को दानगंज पुलिस चौकी लाकर पूछताछ की गयी तो पता चला कि किशोरी उम्र अभी महज 15 साल है। उसके माता-पिता मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। उसके चाचा-चाची ने शादी सुल्तानीपुर गांव की रहने वाली एक महिला के माध्यम से राजस्थान में तय कर दी थी। वहीं से दूल्हा व बाराती आये थे।

निगरानी रखने का निर्देश
किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। समिति की अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय ने परिजनों के लिखित आश्वासन पर कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे, किशोरी को घर ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी। इसके साथ ही किशोरी पर निगरानी रखने का निर्देश दिया।

क्या है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम
किसी भी बालक का विवाह 21 साल एवं बालिका का 18 साल के होने के बाद ही किया जा सकता है। यदि कोई भी व्यक्ति इस निर्धारित उम्र से काम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह करार दिया जाएगा। भले ही वह सहमति से ही क्यों न किया गया हो। सहमति से किया गया बाल विवाह भी कानूनी रूप से वैध नहीं होता। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 के अंतर्गत बाल विवाह होने पर दो वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है।