-आयुर्वेद फैकल्टी BHU के रसशास्त्र विभाग में आयोजित सेमिनार में बोले प्रो। रामहर्ष सिंह

VARANASI

आज आयुर्वेदिक फार्मेसी के कोर्सेज की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए इसकी वैधानिकता बहुत आवश्यकता है। ये बातें डॉ। सर्वपल्ली राधा कृष्णन राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के एक्स वीसी प्रो। रामहर्ष सिंह ने मंगलवार को बीएचयू आयुर्वेद फैकल्टी के रसशास्त्र विभाग की ओर से 'भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी फार्मेसी केन्द्रीय परिषद बिल-ख्0क्म्' पर आयोजित सेमिनार में कहीं। प्रो। सिंह ने राज्य फार्मेसी काउंसिल के मेंबर्स की संख्या बढ़ाए जाने पर भी जोर दिया। अध्यक्षता करते हुए फैकल्टी के डीन प्रो। मनोरंजन साहु ने कहा कि किसी भी चिकित्सकीय प्रणाली में औषधियों का अत्यन्त ही महत्व है। डॉ। गोडवीन न्यूटन ने कहा कि दिनों-दिन आयुर्वेदिक फार्मेसी की मांग बढ़ रही है।

शंकाओं का किया समाधान

सेकेंड सेशन में रस शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो। आनन्द चौधरी ने कहा कि बाजार का मूल्यांकन करने वाली संस्थाओं ने बाजार में आयुर्वेदिक दवा की क्म् प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की है। इसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ आयुर्वेदिक फार्मेसी के स्टूडेंट्स को ही होगा। थर्ड सेशन में प्रो। केआरसी रेड्डी व डॉ। बृजेश कुमार ने भी विचार रखे। चौथे व लास्ट सेशन में एक्सप‌र्ट्स की टीम ने इस बिल पर स्टूडेंट्स की शंकाओं का समाधान किया गया। इस मौके पर प्रो। नीरज कुमार, डॉ। डीएनएस गौतम, डॉ। शिल्पा पाटिल, डॉ। शोभा भट्ट, डॉ। रिमझिम, डॉ। एमके नंदी, प्रो। केआरसी रेड्डी, डॉ। लक्ष्मी नारायण गुप्त, श्रुति पांडेय, वरुण सिंह आदि प्रेजेंट रहे।