पार्षद शिवसेठ की हत्या को 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अब तक नहीं लगे शूटर्स

पुलिस की तीन टीम संग क्राइम ब्रांच ने की थी ताबड़तोड़ छापेमारी, दो दर्जन से ज्यादा लोगों से हो चुकी है पूछताछ

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भाजपा पार्षद शिव सेठ के मर्डर केस की जांच बनारस पुलिस के लिए चैलेंज बन गई है। इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की मिस्ट्री पुलिस सुलझाने में अब तक फेल है। इसे सुलझाने के लिए अलग अलग टीमों ने कई जगह हाथ मारे लेकिन नतीजा जीरो रहा। एक टीम बरेली गई तो एक आगरा। कुछ टीमों ने बनारस सहित जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली में भी कई जगहों पर छापेमारी की लेकिन अब तक कुछ हाथ नहीं लगा। चौंकाने वाली बात तो ये है कि पुलिस ने इस हत्याकांड में पूछताछ के लिए दो दर्जन से ज्यादा लोगों को उठाया फिर भी उनसे कोई क्लू नहीं मिला और अब तक हत्यारे पकड़ से दूर हैं।

इतनी स्ट्रेंथ फिर क्यों लगाई?

पार्षद हत्याकांड की जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए पुलिस ने लंबी चौड़ी स्ट्रेंथ को लगा दिया था। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस की तीन जांच टीमें और क्राइम ब्रांच की टीम मामले की जांच में जुटी थी। भेलूपुर पुलिस ने क्राइम ब्रांच संग मिलकर चार दिनों तक लगातार छापेमारी भी की। शक की सुई गोलू यादव के भाई सनी यादव पर घूमी तो पुलिस ने गोलू के परिजनों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की। इसके बाद ककरमत्ता के शातिर अपराधी जैदी से भी पुलिस ने पूछताछ की। जैदी शिवसेठ का दोस्त होने के साथ पार्षद हत्या में शक के दायरे में आये संतोष शुक्ला का भी करीबी बताया गया है। इसके बावजूद पुलिस कुछ न कर सकी और अब तक हत्यारे तो दूर शिव की हत्या की वजह भी पुलिस नहीं तलाश सकी है।

आगरा में डाला था डेरा

पुलिस ने इस हत्याकांड में जेल से फरार शातिर अपराधी रईस बनारसी के भी होने की आशंका जताई है लेकिन रईस फरारी के बाद कहां है इसे लेकर पुलिस अब तक कंफ्यूजन में है। हालांकि पुलिस को रईस के आगरा और बरेली में होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद जांच टीमें कई दिनों तक यहां डेरा डाले हुई थी लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वहीं चंदौली, जौनपुर में गोलू और संतोष की तलाश में भी पुलिस का जाना बेकार ही गया। जेल में भी पुलिस ने संतोष पाठक से पूछताछ की लेकिन संतोष ने अब तक कुछ ऐसा नहीं बताया कि पुलिस जांच आगे बढ़ा सके। फिलहाल पुलिस की जांच सिर्फ कागज पर ही चल रही है जमीन पर पुलिस सिर्फ मुंह की खाने को मजबूर है।