-बनारस से पीएम मोदी हैं सांसद तो मेयर के साथ निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष भी बीजेपी के

-14वीं जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर चौथी बार काबिज हुई सपा

-टूट गया कपसेठी हाउस का तिलिस्म

VARANASI

जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के साथ ही सपा ने बीजेपी के गढ़ में डंका बजा दिया। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में दस साल बाद सपा के लिए जीत दर्ज करने वाली अपराजिता सोनकर न सिर्फ बनारस के इतिहास में सबसे अधिक एजुकेटेड अध्यक्ष बनीं बल्कि इस कुर्सी पर बैठने वाली सबसे कम उम्र की महिला हैं। सपा की इस जीत से न सिर्फ बीजेपी को करारी शिकस्त मिली बल्कि कपसेठी हाउस का भी तिलिस्म टूट गया। बनारस नहीं बल्कि चंदौली में भी कपसेठी हाउस की बहू को हार का सामना करना पड़ा।

रिकॉर्ड मतों से जीतीं अपराजिता

जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने वाली अपराजिता सोनकर ने रिकॉर्ड मत से जीत हासिल की। क्फ् मत से मिली जीत अब तक की बनारस में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सबसे बड़ी जीत है। क्ब्वीं जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने वाली अपराजिता सपा की चौथी कैंडीडेट हैं। इससे पहले ख्00भ् में सुचिता पटेल, क्99भ् में कन्हैया लाल गुप्ता और क्989 में जवाहर लाल जायसवाल सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे। बनारस को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के अलावा मेयर, तीन विधायक भी बीजेपी के हैं। साथ ही निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह भी बीजेपी के थे।

टूट गया तिलिस्म

बनारस और चंदौली में सपा की जीत से न सिर्फ पीएम मोदी के क्षेत्र में बीजेपी को मात मिली बल्कि कपसेठी हाउस का तिलिस्म भी टूट गया। कपसेठी हाउस के परमीशन के बिना जहां अध्यक्ष बनना तो दूर प्रत्याशी बनना भी मुश्किल पड़ता था। वहीं इस बार न सिर्फ कपसेठी हाउस के खास बल्कि वहां की बहू को भी हार का सामना करना पड़ा। बनारस में कपसेठी हाउस के चहेते अमित सोनकर को जहां पराजय का सामना करना पड़ा वहीं जिस चंदौली में कपसेठी हाउस के युवराज ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में ख्0क्ख् का विधान सभा चुनाव जीता था वहां उनकी पत्नी और कपसेठी हाउस की बहू किरन सिंह को भी हार का मुंह देखना पड़ा। जबकि कपसेठी हाउस हर चुनाव में जीत-हार को तय करता था।