- SSU की एग्जाम कमेटी ने लिया डिसीजन, पिछले तीन सालों से यूनिवर्सिटी व एफिलिएटेड कॉलेजेज के एग्जाम हो रहे हैं अलग-अलग

- एग्जाम पेपर्स की सीक्रेट प्रिटिंग के इश्यू पर बंटे मेंबर्स

VARANASI:

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के शास्त्री-आचार्य का एनुअल एग्जाम इस साल एक फेज में होगा। परीक्षा समिति ने इसकी संस्तुति कर दी है। अब पूरे देश में एक साथ एनुअल एग्जाम कराए जाएंगे। पिछले तीन सालों से यूनिवर्सिटी व एफिलिएटेड कॉलेजेज के एग्जाम अलग-अलग हो रहे हैं। वीसी प्रो। यदुनाथ दुबे की अध्यक्षता में बुधवार को हुई परीक्षा समिति की मीटिंग में पेपर के मॉडरेशन का काम ख्0 मार्च से शुरू कराने का डिसीजन लिया गया। मॉडरेशन का कार्य एक वीक के अंदर पूरा कर लेने का टारगेट निर्धारित किया गया है।

पेपर पर जिच कायम

पेपर की सीक्रेट प्रिटिंग पर मतभेद बरकरार है। कुछ मेंबर्स ने यूनिवर्सिटी की प्रेस से ही पेपर प्रिंट करवाने की सलाह दी। लेकिन रजिस्ट्रार वीके सिन्हा इससे सहमत नहीं हुए। उनका कहना था कि यदि यूनिवर्सिटी के प्रेस से पेपर छपवाए गए तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। नियमानुसार पेपर छपाई गोपनीय तरीके से होनी चाहिए ताकि एग्जाम पेपर लीक न हो सके। रजिस्ट्रार के कड़े रूख को देखते हुए इसे एग्जिक्यूटिव काउंसिल में रखने का डिसीजन लिया गया है।

चीटिंगलेस एग्जाम को कटिबद्ध

परीक्षा समिति ने नकल विहीन एग्जाम कराने का संकल्प लिया है। इस क्रम में नकल रोकने के लिए विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के जिलाधिकारियों की भी हेल्प ली जाएगी। वहीं गवर्नमेंट को भी लेटर लिखा जाएगा। मीटिंग में प्रो। व्यास मिश्र, प्रो। आशुतोष मिश्र, प्रो। शीतला प्रसाद उपाध्याय, प्रो। शारदा चतुर्वेदी, प्रो। हरिशंकर पांडेय सहित अन्य मेंबर प्रेजेंट रहे।