- स्मार्ट सिटी प्रपोजल के लिए कंसल्टेंट के साथ सिटी सपोर्ट यूनिट करेगी काम

- सिटी के लिए किसी तरह का पायलेट प्रोजेक्ट कर सकती है शुरू, नगर निगम को मिलेगा सपोर्ट

VARANASI

पिछली बार की गलतियों से सीख लेते हुए इस बार किसी भी तरह का रिस्क नहीं लिया जाएगा। बनारस स्मार्ट सिटी के सेकेंड फेज में पीछे न रह जाए इसके लिए कंसल्टेंट कंपनी केपीएमजी के साथ ही बनारस को एक सिटी सपोर्ट यूनिट (सीएसयू) भी मिल गयी है। इस यूनिट के जरिए स्मार्ट सिटी की जो तैयारियां होंगी इसमें हर तरह का सपोर्ट करेगी यूनिट। पिछली बार प्रपोजल तैयार करने में कई कमियां रह गयी थीं।

कंसल्टेंट के साथ ही सीएसयू की टीम मिलकर स्मार्ट सिटी की रैकिंग में सुधार लाने के लिए काम करेंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू भी कर दी गई है। बनारस के साथ यूपी के गाजियाबाद को ये यूनिट मिली है।

सीएसयू चलायेगी पायलट प्रोजेक्ट

सिटी सपोर्ट यूनिट बनारस में स्वच्छता अभियान के साथ-साथ स्मार्ट सिटी के लिए टेक्नीकल सपोर्ट पर ध्यान देगी। सिटी सपोर्ट यूनिट के राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि इसमें पब्लिक के ऑनलाइन सुझाव, वोट और जन सहभागिता शामिल होगी। साथ ही ये युनिट नगर निगम के साथ मिलकर शहर में किसी भी तरह के पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करायेगी। जो स्मार्ट सिटी की गाइड लाइन में शामिल होंगे। कंसल्टेंट कंपनी के प्रतिनिधि श्रीकांत ने बताया कि एक मई के बाद स्मार्ट सिटी से संबंधित काम जमीन पर दिखने लगेगा। दो मई से स्मार्ट सिटी से लोगों को जोड़ने के लिए अभियान की शुरुआत की जाएगी।

कम वक्त में है ज्यादा काम

स्मार्ट सिटी फेज टू के लिए कंसल्टेंट और नगर निगम के पास वक्त काफी कम है। वहीं स्मार्ट सिटी को लेकर नगर निगम का रवैया भी बहुत ढीला चल रहा है। सेकेंड फेज में कुल भ्ब् शहरों में से ब्0 शहरों का सेलेक्शन होना है। इन शहरों को फ्0 जून तक अपना प्रपोजल तैयार कर प्रदेश सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजना है। लेकिन अभी तक काम पूरी तरह से शुरू भी नहीं हो सका है।

बनारस के साथ यूपी में गाजियाबाद को सीएसयू मिली है। ये नगर निगम और कंसल्टेंट के साथ मिलकर प्रपोजल तैयार करने में तकनीकि परेशानियों के साथ ही रैकिंग में सुधार के लिए पायलट प्रोजेक्ट भी चलायेगी।

राजकुमार जायसवाल, लीडर, सीएसयू