-कमिश्नर ने किया घाटों का निरीक्षण, गंदगी देख सुनाई अधिकारियों को खरी-खोटी

-दिन में जलती मिली लाइट तो होगी कार्रवाई

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गंगा घाटों के निरीक्षण के दौरान शनिवार को गंदगी और सिल्ट जमा देख कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण अधिकारियों पर बिफर पड़े। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाते हुए सीडीओ को निर्देश दिया कि सफाई के लिए नगर निगम के साथ डीपीआरओ ऑफिस के 250 से 300 कर्मचारियों को सफाई के लिए लगाया जाए। पिछले माह किए गए निरीक्षण में निर्देश देने के बावजूद सिल्ट न हटने से उन्होंने संबंधित नगर निगम के अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। साथ ही सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि देव दीपावली के पहले सभी घाटों की सफाई सुनिश्चित कराएं।

घाटों का किया निरीक्षण

कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने सीडीओ विशाख जी के साथ बनारस के सभी घाटों का निरीक्षण किया। वहां गंदगी और सिल्ट देख नाराजगी व्यक्त की। कमिश्नर ने युद्धस्तर पर अभियान चलाकर देवदीपावली से पहले घाटों की सफाई और वहां पड़े सिल्ट और कूड़े को हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने घाटों के हेरिटेज को बनाए रखने पर जोर देते हुए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से कराए जा रहे दशाश्वमेध घाट स्थित टंकी को पिंक कलर के बजाए चुनार के पत्थर के कलर का कराने का निर्देश दिया। कमिश्नर ने मोटरबोट से रविदास घाट से राजघाट के बीच सभी घाटों का निरीक्षण किया। कहा कि घाटों पर मौजूद लाइटें दिन में जलती मिलीं तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

तो जिम्मेदार होंगे अफसर

कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने काशी विश्वनाथ परिसर और उसके आसपास एरिया स्थित चिह्नित जर्जर 45 आवासों के ध्वस्तीकरण के लिए नगर निगम की ओर से पूर्व में भवन स्वामियों को दिए गए नोटिस के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई न होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि जर्जर भवनों के कारण अगर कोई हादसा होता है तो उसके लिए जिम्मेदार अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे।