शहर में 46 ट्रैफिक ब्रिगेड को किया गया है चौराहों पर तैनात

ट्रैफिक पुलिस को 54 और मित्र मिल गये हैं, ट्रेनिंग के बाद होंगे तैनात

VARANASI

शहर की ध्वस्त ट्रैफिक सिस्टम को लाइन पर लाने के लिए कुछ मित्र का सहारा लेना पड़ रहा है। इन्हें शहर के चौराहों पर लगाया गया है। ये मित्र ट्रैफिक पुलिस के जवानों से ज्यादा सजग है और ट्रैफिक को बखूबी कंट्रोल कर रहे है। इतना ही नहीं लोगों को ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं। अगर इनकी तुलना ट्रैफिक पुलिस के जवान से की जाए तो यह काफी धैर्य के साथ ड्यूटी करने के साथ ही लोगों से बहुत अच्छे से पेश भी आते हैं। ट्रैफिक पुलिस की ये कवायद खुद इनकी नाकामी का सबूत देती है।

इन मित्रों के दम पर सिटी की ट्रैफिक पुलिस को बहुत मदद मिल रही है और ट्रैफिक काफी स्मूद चल रहा है। तो क्यों न इन्हीं मित्रों के हाथ में ट्रैफिक की कमान न दे दी जाए। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस के जवान या तो वसूली में व्यस्त रहते है या फिर सुस्त रहते हैं। शहर के कई चौराहों पर इन मित्रों की तैनाती की गयी है। लेकिन जिन चौराहों पर इनकी मौजूदगी नहीं है वहां ट्रैफिक कंट्रोल में नहीं रहता है।

ट्रैफिक पुलिस अवैध वसूली में मस्त

ट्रैफिक पुलिस अवैध वसूली में लिप्त रहती है इससे एसपी ट्रैफिक बीएन तिवारी ने भी स्वीकार किया है और इसका खुद उन्होंने खुलासा भी किया। इसे रोकने के लिए उनकी ओर से सख्त हिदायत भी दी गयी लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। ट्रैफिक पुलिस की ओर से की जाने वाली अवैध वसूली के कई किस्से भी सामने आ चुके हैं। इससे ये तो साफ हो गया है कि बनारस में यातायात कंट्रोल करना ट्रैफिक पुलिस के बस की बात नहीं है।

शहर को मिले हैं सौ ट्रैफिक मित्र

एक संस्था की ओर से ट्रैफिक पुलिस को सौ ट्रैफिक मित्र दिये गए हैं। इनमें से ब्म् मित्र चौराहों पर पहले से काम कर रहे है। भ्ब् ट्रैफिक ब्रिगेड के जवान उन्हें और मिल गये हैं। इनको ट्रैफिक पुलिस की ओर से ट्रेंड किया गया है और समय-समय पर ट्रेनिंग भी दी जाती है।

चौराहों पर दिखता है असर

कचहरी चौराहा पर ऑटो वालों की वजह से आधी रोड भरी रहती है। इसके कारण ट्रैफिक भी धीमी हो जाती है। इसी जगह एक ट्रैफिक ब्रिगेड के जवान की तैनाती की गयी जो अकेले ही ऑटो वालों को खदेड़कर आगे भगा देता है और चौराहा साफ रहता है। इसी तरह अंधरापुल चौराहे पर दोनों ओर खड़े ट्रैफिक मित्र वाहनों को जेब्रा क्रासिंग के आगे नहीं बढ़ने देते हैं। ये दोनों स्थान बताने के लिए काफी है कि ट्रैफिक पुलिस किस कदर सुस्त रहती है।

ट्रैफिक मित्र से ट्रैफिक पुलिस को काफी सहूलियत मिल रही है। इनकी संख्या बढ़ी है लेकिन अभी इनको वर्दी नहीं मिली है। वर्दी मिलने के बाद इन्हें ड्यूटी पर लगाया जाएगा।

बीएन तिवारी, एसपी ट्रैफिक